राज्य-शहर ई पेपर व्यूज़- विचार

रोजाना कितनी चीनी खाए?

Image Source: ANI

हमें रोजाना कितनी शुगर खानी चाहिये इस सम्बन्ध में हुयी एक रिसर्च से सामने आया कि डॉयबिटीज नहीं है तो पुरूषों के लिये इसकी सुरक्षित मात्रा है 36 और महिलाओं के लिये 25 ग्राम। इससे ज्यादा शुगर खाना नुकसान करता है लेकिन इससे कम खाने पर शरीर को कुछ न कुछ फायदा ही होता है।

मिठाई, आइसक्रीम, केक्स, कोल्ड ड्रिंक्स, कैंडी यहां तक कि चॉकलेट; सबकी मिठास के पीछे होती है शुगर। लेकिन शुगर के बारे में धारणा है कि ये सेहत के लिये ठीक नहीं। क्या ये सच है?  और अगर ये सच है तो लोग शुगर खाते क्यों हैं?

अगर शुगर खाने की बात करें तो लोग मिठास की वजह से शुगर खाते हैं और ये हमेशा नुकसान नहीं करती। अगर इसके सही टाइप में एक सीमा में खाया जाये तो कभी नहीं। हमें रोजाना कितनी शुगर खानी चाहिये इस सम्बन्ध में हुयी एक रिसर्च से सामने आया कि डॉयबिटीज नहीं है तो पुरूषों के लिये इसकी सुरक्षित मात्रा है 36 और महिलाओं के लिये 25 ग्राम। इससे ज्यादा शुगर खाना नुकसान करता है लेकिन इससे कम खाने पर शरीर को कुछ न कुछ फायदा ही होता है।

कितनी फायदेमंद है शुगर?

अगर इसके फायदों की बात करें तो इसमें मौजूद ग्लाइकोलिक एसिड, त्वचा की मृत कोशिकायें हटाकर, नयी कोशिकाओं की पुर्निमाण प्रक्रिया तेज करता है। जिससे यह त्वचा स्वस्थ रहती है। त्वचा पर आये दाग-धब्बे हटाने में भी इसका जबाब नहीं। ये झुर्रियां, फाइन लाइन्स, पिगमेन्टेशन और डार्क स्किन पैच हटाकर त्वचा को जवान और स्मूथ रखती है।

शुगर से इनर्जी लेवल बूस्ट होता है। यदि लो फील कर रहे हैं कुछ मीठा खा लीजिये, उर्जा वापस आ जायेगी। मूड ठीक करने में भी शुगर से अच्छा कुछ नहीं। वैज्ञानिक इसे सबसे अच्छा मूड बूस्टर मानते हैं। बच्चा रोये, मुंह में मीठा रख दीजिये, रोना बंद। योरोप और अमेरिका में सुबह अच्छी तो दिन अच्छा, सोचकर लोग नाश्ते में मीठा खाते हैं। वास्तव में मीठा खाते ही ब्रेन, डोपामाइन रिलीज करने लगता है जिससे तुरन्त, फील गुड होता है।

ग्लाइकोजेनेसिस प्रक्रिया के जरिये यह शरीर में भविष्य के इस्तेमाल के लिये उर्जा स्टोर करती है और ये उर्जा काम आती है इमरजेंसी में। इसी के सहारे हम दो-चार दिन भूखे रह पाते हैं। इनके अलावा अन-रिफाइंड शुगर एंटीऑक्सीडेन्ट्स की तरह काम करती है। इसके फाइटोकैमिकल्स, सूजन और पॉलीफेनॉल्स, ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस घटाकर हमें बीमारियों से बचाते हैं। लेकिन ये फायदे तभी होंगे जब आप निर्धारित सीमा में शुगर खायें।

क्या-क्या नुकसान?

अगर नुकसान की बात करें तो यह स्वीट डेंजर है यानी मीठा खतरा। जो शुरू होता है बचपन से। इसी कारण माता-पिता, बच्चों को आइसक्रीम और कैंडी से दूर रखते हैं। कोल्ड ड्रिंक्स नहीं पीने देते। एक ओर जहां इससे मोटापा बढ़ता है तो दूसरी ओर दांत खराब हो जाते हैं। किशोरावस्था में, शुगर खाने से शरीर में इंफ्लेमेशन और ऑयल प्रोडक्शन बढ़ता है जिससे कील-मुहांसों जैसी समस्यायें हो जाती हैं।

जवानी में, मोटापा बढ़ाती है शुगर। वह भी कमर का। रिसर्च से सामने आया कि कमर के मोटापे का सबसे बड़ा कारण है जरूरत से ज्यादा शुगर खाना। बात मोटापे तक नहीं रहती, ज्यादा मीठा खाने से दिल के आसपास की नसें डैमेज होने लगती हैं। नसें डैमेज मतलब कार्डियोवैस्कुलर डिजीज यानी हार्ट प्रॉब्लम। हार्ट की तरह लीवर पर भी इसका बुरा असर होता है। ज्यादा शुगर खाने से  लोग फैटी लीवर का शिकार हो जाते हैं। जिससे लीवर की बॉयेल बनाने की क्षमता घटती है और डाइजेशन खराब होने लगता है।

मीठा खाने की आदत और चलना फिरना जीरो; मतलब डॉयबिटीज टाइप-2, ये स्वास्थ्य के लिये कितनी खतरनाक है बताने की जरूरत नहीं। किडनी, आंखें, बोन-ज्वाइंट, हार्ट, पेनक्रियाज और पता नहीं क्या-क्या डैमेज कर दे, कह नहीं सकते। अगर इन सबसे बचना है तो डाइट से एडेड शुगर यानी प्रोसेस्ड सफेद चीनी और इससे बनी चीजें बाहर करें।

मीठा खाने की आदत है तो प्रोसेस्ड सफेद चीनी को शहद, गुड़ और मीठे फलों से रिप्लेस करें। फ्रूट्स की नेचुरल शुगर, फाइबर के कारण धीरे-धीरे रिलीज होती है जो सेहत के लिये अच्छी है। याद रहे सबसे ज्यादा हानिकारक है प्रोसेस्ड शुगर यानी सफेद चीनी। इसे लिमिट में खायें और ये लिमिट है 25 से 36 ग्राम।   

Tags :

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *