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ट्रम्प एक अपराधी के रूप में भी लेंगे शपथ

Donald Trump Oath CeremonyImage Source: ANI

Donald Trump Oath Ceremony: संयुक्त राज्य अमेरिका के 45 राष्ट्रपति के रूप मे डोनाल्ड ट्रम्प 20 जनवरी 2017 को वाशिंगटन के व्हाइट हाउस के गोलाकार गुंबद के नीचे दुनिया के बड़े लोकतंत्र के सर्वोच्च अधिकारी के पद की शपथ लेंगे।

निश्चय ही यह अवसर उस पद की गरिमा के विपरीत होगा जिसे जॉर्ज वाशिंगटन और अब्राहम लिंकन जैसे महान लोगों ने सुशोभित किया था।

आश्चर्य इस बात का हैं की संयुक्त राज्य अमेरिका के मीडिया को बहुत आजाद ख्याल और सच्चाई का हामी मन जाता है परंतु आज की तारीख मे वनहा का मीडिया इस भयंकर विसंगति पर पूरी तरह से मौन हैं।

शायद इसका कारण मीडिया संस्थानों का मालिकाना हक वनहा के धन्ना सेठों के पास है जो सत्य को उजागर करके सत्ता के कोप का भाजन नहीं बनना चाहते हैं।

इसका उदाहरण है अमेजन जैसे अरबों -खरबों डालर वाली कंपनी के मालिक बेजोस का राष्ट्रपति ट्रम्प के सत्तारोहण के अवसर पर करोड़ों डालर का चंद देना हैं।

गौर तलब हैं की बेजोस चुनाव के पूर्व तक ट्रम्प के कट्टर आलोचक रहे हैं। परंतु ट्रम्प की जीत के पश्चात वे भी इयान मसक की भांति ट्रम्प के पिच्छलग्गू हो गए !

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गौर तलब है की डोनाल्ड ट्रम्प को न्यू यॉर्क की एक अदालत ने उनके पिछले कार्यकाल के चुनाव के दौरान एक सुंदरी को, उनके द्वरा धन {रिश्वत} दी गई थी की वह चुनाव के दौरान ट्रम्प से अपने शारीरिक संबंधों को उजागर नहीं करे।

क्यूंकी इस तथ्य से ट्रम्प की छवि खराब होती थी। यद्यपि जूरी ने ट्रम्प को इस मामले में दोषी करार दिया, परंतु जज ने उनकी सजा को निलंबित कर दिया यह कहते हुए की देश के बहुमत ने आपको सर्वोच्च पद के लिए वोट दिया है, अतः सजा निलंबित की जाती हैं।

वणः के दंड विधान मे अपराधी की सजा को स्थगित रखे जाने का विधान भारत मे भी कमोबेश आज यही हालत है की सभी बड़े उद्योगपति और व्यापारिक संस्थान प्रधान मंत्री मोदी और उनकी पार्टी के पीछे चलने वाले बन गए

अमेरिका सीनेटर शुमाखर ने कुछ दिनों पूर्व विश्व मे लोकतंत्र प्रेमियों को आगाह किया था की सारे देशों मे अरबपतियों का कब्जा होता जा रहा है -जो लोकतंत्र को खतम करने का कारण बनेगा !

अरबपतियों का अप्रत्यक्ष नियंत्रण

रूस हो या जॉर्जिया अमेरिका हो या ग्रेट ब्रिटेन सभी जगहों पर सरकार पर इन अरबपतियों का अप्रत्यक्ष नियंत्रण रहता है, इसलिए सरकार की नीतिया जन कल्याणकारी ना होकर उद्योग और व्यापार की उन्नति के लिए बनाई जाती हैं।

जिन्हे बाद मे सरकार की ओर से नौकरी के नए अवसर और आम आदमी के जीवन यापन के स्तर मे बदोतरी करने वाले के रूप मे निरूपित किया जाता हैं !

भारतवर्ष मे हम विगत दस वर्षों से शिक्षा -स्वास्थ्य और नौकरी के नए अवसरों के रूप मे नेताओ से सुनते आ रहे हैं।

आज हालत यह है की शासकीय स्कूल -अस्पताल बंद होते जा रहे है और बड़े -बड़े कारपोरेट संस्थान इन छेत्रों मे प्रवेश कर रहे हैं।

फलस्वरूप शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाये लगातार माध्यम वर्ग के हाथ से निकलती जा रही हैं। ऐसा ही कुछ अमेरिका मे भी हो रहा हैं, वनहा भी औसत आय के लोगों के लिए दोनों सुविधाये पँहुच के बाहर हैं।

अमेरिका की भांति भारत मे भी बीमा व्यापार अमेरिका तर्ज पर पर साधारण लोगों की पँहुच के बाहर होता जा रहा हैं।

एक और समानता भी अमेरिका और भारत के नेताओ मे पाई जाती है वह हैं इन जन प्रतिनिधियों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज होना !

भारत मे तो संसद के सदस्यों मे से दर्जनों सांसदों पर हत्या जैसे अपराध के मामले दर्ज है, उन्मे कुछ के विरुद्ध तो अदालत से फैसले भी हो चुके हैं, परंतु अपील के कारण उनको अयोग्य नहीं करार दिया जा सकता हैं।

ट्रम्प का सत्तारोहण(Donald Trump Oath Ceremony)

ट्रम्प का सत्तारोहण इस तथ्य को रेखांकित करता हैं की आज की राजनीति इसकाउड्रल लोगों का खेल हैं। सही है आज भद्र लोग चालू नेताओ की भांति झूठ बोलने और झूठे आरोप लगाने तथा व्यक्तिगत गंदे आरोप कहने से परहेज करते हैं।

पूर्व प्रधान मंत्री स्वर्गीय मनमोहन सिंह को जिस प्रकार मौजूद सरकार के लोगों द्वरा लांछित किया गया उन्मे से वे कोई भी आरोप नहीं सईद कर पाए।

यंहा तक की जिस टू जी घोटाले पर आडिटर जनरल और कंप्रोतर जनरल विनोद रॉय की रिपोर्ट को चुनावी मुद्दा बना कर बदनाम किया(Donald Trump Oath Ceremony)

उस मामले मे सुप्रीम कोर्ट मे विनोद रॉय ने स्वीकार किया की उनके द्वरा सरकार को हुए वित्तीय हानी के आँकड़े उनके अनुमान थे उनका कोई दस्तावेजी सबूत नहीं था।

लेकिन देश की जनता तो झूठे प्रचार के जाल मे फँसकर काँग्रेस की मनमोहन सिंह सरकार को हट दिया था। परंतु ट्रम्प इस मामले मे भाग्यशाली हैं की वे ”दोषी सिद्ध होने के बाद भी राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगे..!

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