भोपाल। पिछले एक सप्ताह से भाजपा के जिला अध्यक्षों की सूची का इंतजार हो रहा है लेकिन बुधवार शाम तक जिला अध्यक्षों का कोई अता पता नहीं है इस बीच प्रदेश अध्यक्ष कौन होगा इसको लेकर चर्चाएं जोर पकड़ने लगी है। दरअसल प्रदेश अध्यक्ष के लिए जरूरी जिला अध्यक्षों की घोषणा हो जाए कोरम पूरा हो जाए भाजपा नेता प्रयास में लगातार लगे हुए हैं लेकिन घोषित होने के बाद कोई विवाद की स्थिति न बने इसलिए सभी पक्षों से चर्चा हो रही है समन्वय बनाने के प्रयास हो रहे हैं समीकरण बन रहे हैं फॉर्मूला नए सिरे तय हो रहे हैं। सागर और धार में दो जिला बना दिए गए हैं सभी नेताओं से चर्चा हो रही है लेकिन जब तक जिला अध्यक्ष की घोषणा न हो जाए तब तक प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव का कार्यक्रम घोषित नहीं हो रहा हालांकि चर्चाएं प्रदेश से लेकर दिल्ली तक चल रही है।
बहरहाल, कौन बनेगा जिला अध्यक्ष इस प्रश्न की उत्सुकता धीरे-धीरे कम होती जा रही है क्योंकि अधिकांश दावेदार फार्मूले के तहत किनारे किए जा रहे हैं। अधिकांश जगह अब दो ही दावेदार बचे हैं उनमें से एक नाम फाइनल होते ही सूची आ जाएगी। जिला अध्यक्ष से ज्यादा उत्सुकता और चर्चा प्रदेश अध्यक्ष को लेकर है कि आखिर कौन बनेगा प्रदेश अध्यक्ष इसके लिए अलग-अलग नाम सामने आ रहे हैं। जातीय समीकरण क्षेत्रीय समीकरण के तर्क दिए जा रहे हैं लेकिन सबसे ज्यादा उम्मीद किसी चौंकाने वाले नाम की भी बन रही है क्योंकि पार्टी का राष्ट्रीय हाईकमान हमेशा चौंकाने वाले निर्णय लेते रहा है।
जिस तरह से प्रदेश में मुख्यमंत्री के लिए डॉक्टर मोहन यादव को बनाकर चौकया था। वैसा ही प्रदेश अध्यक्ष के लिए भी पार्टी चौका सकती है। हांलाकि अधिकांश दावेदार दिल्ली के संपर्क में है। भोपाल से लेकर दिल्ली तक नेताओं के बीच मेल मुलाकात चल रही है। प्रदेश अध्यक्ष के लिए पर्यवेक्षक बनाए गए धर्मेंद्र प्रधान का अब तक अधिकृत कार्यक्रम घोषित नहीं हो पाया है क्योंकि जब तक जिला अध्यक्षों की सूची नहीं आ जाती तब तक प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव का रास्ता साफ भी नहीं होता है।
कुल मिलाकर भाजपा कार्यकर्ताओं का इंतजार बढ़ता जा रहा है। लंबी प्रतीक्षा के बाद अब तक जिला अध्यक्षों की सूची नहीं आई है। दिल्ली में समाधान खोजने की कोशिश से हो रही है लेकिन अब जिला अध्यक्ष से हटकर लोग कौन बनेगा भाजपा प्रदेश अध्यक्ष इसकी चर्चा पर ज्यादा जोर दे रहे हैं।