भोपाल। बुधनी और विजयपुर विधानसभा के उप चुनाव संपन्न होने के बाद भाजपा का पूरा फोकस संगठन चुनाव पर है। 14 से 20 नवंबर के बीच बूथ समितियां का गठन कर लिया जाएगा। इसके लिए भाजपा ने “संगठन पर्व” नाम दिया है। पार्टी के अंदर प्रदेश अध्यक्ष को लेकर जोड़-तोड़ शुरू हो गई है और समीकरणों को साधने पर दावेदार जोर दे रहे हैं।
दरअसल भाजपा के प्रदेश में एक करोड़ 65 लाख से भी ज्यादा सदस्य बन चुके हैं और उनके बीच से ही अब बूथ अध्यक्ष मंडल अध्यक्ष जिला अध्यक्ष और प्रदेश अध्यक्ष चुना जाना है। बूथ समितियां के चुनाव 14 नवंबर से 20 नवंबर के बीच चलेगा। जिसकी शुरुआत 14 नवंबर को भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा ने भोपाल के हुजूर विधानसभा क्षेत्र के डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी नगर कोलार मंडल के दानिश हेल्थ के लाभ हाउस वार्ड 80 के बूथ क्रमांक 223 पर बूथ संगठन पर्व का शुभारंभ कर पन्ना प्रमुख बने मध्य प्रदेश में संगठन पर्व के दौरान पहली बूथ अध्यक्ष श्रीमती अर्चना गोस्वामी सहित 11 पदाधिकारी और सदस्यों को सहमति से चुना गया। इस दौरान उन्होंने कहा कि संगठन पर्व पर प्रदेश के 65,013 बूथ में से हर बूथ पर तीन महिलाओं को बूथ समिति में स्थान दिया जाएगा।
बहरहाल भाजपा में संगठन के अधिकांश चुनाव आम सहमति के आधार पर किए जाने की परंपरा है। बहुत कम अवसरों पर चुनाव की नौबत आई है। सबसे महत्वपूर्ण प्रदेश अध्यक्ष पद पर कौन होगा राष्ट्रीय नेतृत्व तय करता है। इसके लिए जातीय और क्षेत्रीय समीकरणों को साधा जाता है। जिस तरह से पार्टी के राष्ट्रीय नेतृत्व में प्रदेश में मुख्यमंत्री पद पर चौंकाने वाले नाम के रूप में डॉक्टर मोहन यादव की घोषणा की थी अब प्रयास लगाया जा रहे हैं कि इसी तरह प्रदेश अध्यक्ष पद पर भी कोई चौंकाने वाला नाम सामने आ सकता है। 23 नवंबर को विभिन्न राज्यों और प्रदेश के दो उपचुनाव वाले क्षेत्र बुधनी और विजयपुर के चुनाव परिणाम आ जाएंगे। इसके बाद तेजी से संगठन चुनाव की प्रक्रिया चलेगी और नए साल में कौन होगा प्रदेश अध्यक्ष इसका ऐलान हो जाएगा। नए प्रदेश अध्यक्ष के लिए कुछ नाम की चर्चा जरूर चल रही है जिसमें सबकी अपने-अपने तर्क है कोई ब्राह्मण ओबीसी या अनुसूचित जाति वर्ग से प्रदेश अध्यक्ष बन सकता है।
मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. विष्णु दत्त शर्मा का अभी एक कार्यकाल और बाकी है यदि विवाद की स्थिति बनी तो उनको फिर से रिपीट किया जा सकता है। अन्यथा की स्थिति में लगभग एक दर्जन नाम चर्चाओं में है लेकिन पार्टी का राष्ट्रीय नेतृत्व चौंकाने वाला नाम भी दे सकता है। इसको लेकर सभी दावेदार अंदर ही अंदर सशंकित भी है।
कुल मिलकर बूथ समितियां के गठन के साथ ही भाजपा में संगठन चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो गई है। पिछले संगठन चुनाव में उम्र का क्राइटेरिया पार्टी ने लागू किया था लेकिन इस बार नियम तो शिथिल है लेकिन कोशिश यही है कि युवा चेहरों को आगे लाया जाए।