राज्य-शहर ई पेपर व्यूज़- विचार

भाजपा की पहली सूची का क्या संदेश?

भाजपा

लोकसभा चुनाव की घोषणा से पहले पार्टियों ने उम्मीदवारों की घोषणा शुरू कर दी है। पहले इक्का दुक्का पार्टियां ऐसा करती थीं लेकिन अब यह परंपरा बन गई है। उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी ने 30 से ज्यादा उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। आम आदमी पार्टी ने भी दिल्ली में अपने कोटे की चार सीटों के साथ साथ हरियाणा और गुजरात की सीटों के लिए उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर दिया है। BJP candidate list 2024

इसके बाद भारतीय जनता पार्टी ने एक साथ 195 प्रत्याशियों के नाम की घोषणा की। एक अनुमान के मुताबिक भाजपा देश की 543 में से साढ़े चार सौ से कुछ ज्यादा लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी और बाकी सीटें उसकी सहयोगी पार्टियों के खाते में जाएंगी। इस लिहाज से कह सकते हैं कि भाजपा ने एक झटके में अपनी करीब 40 फीसदी सीटों के लिए उम्मीदवार घोषित कर दिए। BJP candidate list 2024

भाजपा की पहली सूची कई मायनों में बहुत दिलचस्प है। जैसे भाजपा के सूत्रों के हवाले से ही दो महीने से खबर आ रही थी कि पार्टी पहले उन सीटों पर उम्मीदवार घोषित करेगी, जहां वह पिछली बार हारी थी या दो-तीन बार से नहीं जीत रही है या पिछली बार बहुत कम अंतर से जीती थी। इसे मध्य प्रदेश मॉडल कहा गया था। भाजपा ने पिछले साल के अंत में मध्य प्रदेश विधानसभा के चुनाव में सबसे पहले कमजोर और हारी हुई सीटों पर अपने दिग्गज नेताओं को उम्मीदवार बना कर उतार दिया था।

कई केंद्रीय मंत्री और सांसद विधानसभा चुनाव लड़े थे। उसी तर्ज पर लोकसभा चुनाव की पहली सूची आने की चर्चा थी। लेकिन सूची आई तो वह इसके बिल्कुल उलट थी। पार्टी ने उन सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा की, जहां वह पारंपरिक रूप से बहुत मजबूत है और पिछली बार भारी अंतर से जीती थी। कुछ सीटें ऐसी भी हैं, जहां कांटे की टक्कर थी लेकिन ज्यादातर सीटें ऐसी हैं, जिन पर पार्टी आसानी से जीती थी।

इस तरह भाजपा ने मुश्किल सीटों पर घोषणा नहीं की। साथ ही जहां अपनी सहयोगी पार्टियों के साथ सीट बंटवारे की बातचीत फाइनल नहीं हुई है वहां के उम्मीदवारों का ऐलान भी नहीं हुआ और जिन राज्यों या जिन सीटों पर विपक्षी गठबंधन के मजबूती से लड़ने का अनुमान है उन सीटों पर भी घोषणा रोक दी गई। भाजपा की इस बदली हुई रणनीति का मकसद यह दिख रहा है कि वह विपक्षी गठबंधन की पार्टियों में सीट बंटवारा होने और उनके उम्मीदवार आने का इंतजार कर रही है।

विपक्षी उम्मीदवारों को देखने के बाद उनके सामाजिक समीकरण और उम्मीदवारों के राजनीतिक कद के हिसाब से भाजपा अपने प्रत्याशी तय करेगी। तभी ऐसा लग रहा है कि नजदीकी मुकाबले की संभावना वाली सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा थोड़े समय और रूकी रह सकती है। इससे यह जाहिर होता है कि चुनाव जितना आसान बताया जा रहा है उतना आसान नहीं है और भाजपा को इसका अंदाजा है। इसलिए वह मुश्किल सीटों पर ज्यादा दिमाग खपा रही है।

भाजपा की पहली सूची की एक खास बात यह है कि पार्टी ने दिल्ली और छत्तीसगढ़ में लगभग पूरा ही बदलाव कर दिया। दिल्ली की सात में से पांच सीटों पर भाजपा ने प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है, जिसमें चार पर नए उम्मीदवार उतारे गए हैं। भाजपा ने नई दिल्ली सीट पर केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी की जगह दिवंगत सुषमा स्वराज की बेटी बांसुरी स्वराज को उम्मीदवार बनाया है। पश्चिमी दिल्ली में दिवंगत साहेब सिंह वर्मा के बेटे प्रवेश वर्मा को, दक्षिण दिल्ली में रमेश विधूड़ी की जगह रामवीर सिंह वधूड़ी को और चांदनी चौक मे डॉक्टर हर्षवर्धन की जगह प्रवीण खंडेलवाल को उम्मीदवार बनाया है।

मौजूदा सांसदों में सिर्फ मनोज तिवारी टिकट पाने में कामयाब हुए हैं। इसी तरह छत्तीसगढ़ में सिर्फ दो लोग- विजय बघेल और संतोष पांडे को रिपीट किया गया है। दिलचस्प बात यह है कि स्पीकर बनाए गए पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह के बेटे अभिषेक सिंह टिकट नहीं हासिल कर सके तो दुर्ग से सांसद रहीं सरोज पांडेय को इस बार कोरबा से उम्मीदवार बनाया गया है। भाजपा के दिग्गज और आठ बार विधायक रहे ब्रजमोहन अग्रवाल इस बार रायपुर सीट से चुनाव लड़ेंगे।

उधर मध्य प्रदेश में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को विदिशा सीट से उम्मीदवार बनाया गया है तो ज्योतिरादित्य सिंधिया गुना से लड़ेंगे। सबसे दिलचस्प मामला केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते का है, जिनको पिछले साल विधानसभा की टिकट मिली थी और वे हार गए थे। लेकिन इस बार फिर उनको लोकसभा की टिकट मिल गई है। ऐसा लग रहा है कि आदिवासी सीटों पर या तो भाजपा के पास नए उम्मीदवार नहीं हैं या वह वह प्रयोग करने से बचना चाह रही है। BJP candidate list 2024

कुल मिला कर भाजपा उम्मीदवारों की पहली सूची अपने असर वाले राज्यों में पार्टी का आत्मविश्वास दिखाने वाली है। तभी उसने दिल्ली और छत्तीसगढ़ में बड़ा बदलाव कर दिया तो उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में ज्यादातर सांसदों को वापस टिकट दे दिया। उत्तर प्रदेश में घोषित 51 नामों में 47 इस समय सांसद हैं। जिस अंदाज में भाजपा की सूची तैयार हुई है उसे देख कर लग रहा है कि वह हिंदी पट्टी के उत्तरी राज्यों में अपने प्रदर्शन को लेकर बहुत आश्वस्त है। तभी उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, दिल्ली, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड आदि राज्यों में उसने एक झटके में ज्यादातर उम्मीदवार घोषित कर दिए। गुजरात के भी ज्यादातर प्रत्याशियों की घोषणा हो गई।

लेकिन बिहार, महाराष्ट्र, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में भाजपा सावधानी बरत रही है। यह माना जा रहा है कि असली लड़ाई इन राज्यों में होने वाली है। इन राज्यों में विपक्षी पार्टियों की स्थिति मजबूत है। बिहार और महाराष्ट्र में विपक्ष का गठबंधन भी बहुत मजबूत है। विपक्षी पार्टियों ने इन चार राज्यों के हवाले भाजपा की सीटें कम करने का संकल्प जाहिर किया है। इसलिए भाजपा भी सावधानी बरत रही है। BJP candidate list 2024

अगर उम्मीदवारों की बात करें तो कुछ बातें बहुत चौंकाने वाली हैं। जैसे भाजपा ने उत्तर प्रदेश की जौनपुर सीट से कृपाशंकर सिंह को उम्मीदवार बनाया, जो पहले कांग्रेस में थे और मुंबई में राजनीति करते थे। उनके ऊपर भ्रष्टाचार के अनेक आरोप लगे थे। फिर भी भाजपा ने उनको टिकट दे दी। इसी तरह पश्चिम बंगाल में आसनसोल सीट पर भोजपुरी गायक पवन सिंह को टिकट देने का मामला है।

उनकी बैकग्राउंड और रेपुटेशन चेक किए बगैर उनको टिकट दी गई। घोषणा के 24 घंटे के अंदर ही उनको नाम वापस लेना पड़ा। झारखंड की हजारीबाग सीट पर जयंत सिन्हा की जगह मनीष जायसवाल को उम्मीदवार बनाना भी हैरान करने वाला फैसला है। पार्टी अभी तक झारखंड की 11 सीटों पर उम्मीदवार उतार चुकी है, जिसमें सिर्फ एक निशिकांत दुबे अगड़ी जाति के हैं।

अगर प्रज्ञा सिंह ठाकुर और रमेश विधूड़ी जैसे विवादित बयान देने वाले सांसदों को टिकट नहीं देने का मामला है तो तेलंगाना से लेकर राजस्थान और उत्तर प्रदेश तक दलबदलुओं को खुले हाथ टिकट बांटने का मामला भी है। सो, कह सकते हैं कि भाजपा ने चुनाव जीतने का पैमाना सबसे ऊपर रखा है और उसी आधार पर उम्मीदवारों का फैसला किया है।

यह भी पढ़ें:

एनडीए में सीट बंटवारा अटका

उठापटक के बीच नीतीश की विदेश यात्रा

By अजीत द्विवेदी

संवाददाता/स्तंभकार/ वरिष्ठ संपादक जनसत्ता’ में प्रशिक्षु पत्रकार से पत्रकारिता शुरू करके अजीत द्विवेदी भास्कर, हिंदी चैनल ‘इंडिया न्यूज’ में सहायक संपादक और टीवी चैनल को लॉंच करने वाली टीम में अंहम दायित्व संभाले। संपादक हरिशंकर व्यास के संसर्ग में पत्रकारिता में उनके हर प्रयोग में शामिल और साक्षी। हिंदी की पहली कंप्यूटर पत्रिका ‘कंप्यूटर संचार सूचना’, टीवी के पहले आर्थिक कार्यक्रम ‘कारोबारनामा’, हिंदी के बहुभाषी पोर्टल ‘नेटजाल डॉटकॉम’, ईटीवी के ‘सेंट्रल हॉल’ और फिर लगातार ‘नया इंडिया’ नियमित राजनैतिक कॉलम और रिपोर्टिंग-लेखन व संपादन की बहुआयामी भूमिका।

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *