Hypersonic Missile: उत्तर कोरिया ने मंगलवार को कहा कि उसने हाइपरसोनिक वारहेड से लैस एक नई मध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल (आईआरबीएम) का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है।
उसकी ओर से कहा जा रहा है कि यह हथियार प्रणाली प्रशांत क्षेत्र में किसी भी प्रतिद्वंद्वी को मजबूती से रोक देगी। हालांकि दक्षिण कोरियाई सेना का कहना है कि हाइपरसोनिक मिसाइल प्रक्षेपण की सफलता का दावा एक धोखा हो सकता हैं।
योनहाप समाचार एजेंसी ने कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी (केसीएनए) के हवाले से बताया कि किम जोंग उन ने एक मॉनिटरिंग सिस्टम के जरिए प्रक्षेपण की निगरानी की और मिसाइल ने ध्वनि की गति से 12 गुना अधिक लगभग 1500, किलीमोटर की रफ्तर पकड़ी।
इससे पहले दक्षिण कोरिया के ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ (जेसीएस) ने सोमवार को कहा कि प्योंगयांग क्षेत्र से दागी गई उत्तर कोरिया की संदिग्ध हाइपरसोनिक मिसाइल पूर्वी सागर में गिरने से पहले लगभग 1,100 किलोमीटर तक उड़ी।
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उत्तर कोरिया का नवीनतम मिसाइल प्रक्षेपण, लगभग दो महीनों में पहला उकसावे वाली कार्रवाई है। प्रक्षेपण 20 जनवरी को अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के पदभार ग्रहण करने से लगभग दो सप्ताह पहले किया गया है।
यह परीक्षण दक्षिण कोरिया में राजनीतिक उथल-पुथल के बीच हुआ, जो पिछले महीने राष्ट्रपति यून सुक योल की ओर से मार्शल लॉ लागू करने से पैदा हुआ।
योनहाप समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, दक्षिण कोरियाई अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि उत्तर कोरिया सैन्य गतिविधि के जरिए राजनीतिक संकट का लाभ उठा सकता है और सीमा पार तनाव बढ़ा सकता है।
2024 के अंत में आयोजित पार्टी बैठक में उत्तर कोरियाई नेता ने कहा कि उनका देश अमेरिका के प्रति ‘सबसे कठोर’ जवाबी रणनीति अपनाएगा।
उन्होंने दावा किया कि दक्षिण कोरिया, अमेरिका और जापान के बीच सैन्य सहयोग अब ‘हमले के लिए सैन्य गुट’ के रूप में बदल गया है।