PM Modi ने इटली में जी-7 शिखर सम्मेलन के दौरान इतालवी प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी और जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा के साथ द्विपक्षीय बैठक की और जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज़ से भी मुलाकात की।
मेलोनी के साथ अपनी बैठक के बारे में PM Modi ने एक्स पर लिखा की प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी के साथ बहुत अच्छी बातचीत हुई। जी-7 शिखर सम्मेलन का हिस्सा बनने के लिए भारत को आमंत्रित करने और शानदार व्यवस्थाओं के लिए उनका धन्यवाद किया। हमने वाणिज्य, ऊर्जा, रक्षा, दूरसंचार तथा अन्य क्षेत्रों में भारत-इटली संबंधों को और मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की। दोनों देश जैव ईंधन, खाद्य प्रसंस्करण और महत्वपूर्ण खनिजों जैसे भविष्य के क्षेत्रों में एक साथ काम करेंगे।
विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया हैं की मेलोनी ने PM Modi को लगातार तीसरे कार्यकाल के लिए बधाई दी। मोदी ने जी-7 आउटरीच शिखर सम्मेलन में भाग लेने के वास्ते निमंत्रण देने के लिए उन्हें धन्यवाद दिया और शिखर सम्मेलन के सफल समापन के लिए अपनी प्रशंसा व्यक्त की। दोनों नेताओं ने नियमित उच्च राजनीतिक संवाद पर संतोष व्यक्त किया और भारत-इटली रणनीतिक साझेदारी की प्रगति की समीक्षा की। बढ़ते व्यापार और आर्थिक सहयोग पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए उन्होंने लचीली आपूर्ति श्रृंखला बनाने के लिए स्वच्छ ऊर्जा, अंतरिक्ष, विनिर्माण, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, एआई, दूरसंचार और महत्वपूर्ण खनिजों में वाणिज्यिक संबंधों का भी विस्तार करने का आह्वान किया।
बयान के मुताबिक दोनों नेताओं ने पेटेंट, डिजाइन और ट्रेडमार्क पर सहयोग के लिए हाल ही में औद्योगिक संपत्ति अधिकार (आईपीआर) पर एमओयू पर हस्ताक्षर करने का स्वागत किया। और उन्होंने साल के अंत में होने वाली इतालवी विमानवाहक पोत आईटीएस कैवूर और प्रशिक्षण जहाज आईटीएस वेस्पुची की भारत यात्रा का स्वागत किया। और मोदी ने द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान इटली के अभियान में भारतीय सेना के योगदान को मान्यता देते हुए इतालवी सरकार को धन्यवाद दिया और साथ ही कहा की भारत इटली के मोंटोन में यशवंत घाडगे स्मारक का उन्नयन भी करेगा।
बयान में कहा गया की वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन के तहत समन्वय को ध्यान में रखते हुए दोनों नेताओं ने ऊर्जा संक्रमण में सहयोग के लिए आशय पत्र पर हस्ताक्षर करने का स्वागत किया, जो स्वच्छ और हरित ऊर्जा में द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ावा देगा। उन्होंने विज्ञान और प्रौद्योगिकी में संयुक्त अनुसंधान और विकास को बढ़ावा देने के लिए 2025-27 के लिए सहयोग के नये कार्यक्रम पर प्रसन्नता व्यक्त की। बयान में कहा गया कि दोनों नेताओं ने महत्वपूर्ण क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी चर्चा की और भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारे सहित वैश्विक मंचों और बहुपक्षीय पहलों में सहयोग को मजबूत करने पर सहमति व्यक्त की।
जापानी प्रधानमंत्री किशिदा के साथ बैठक पर मोदी ने एक्स पर अपने पोस्ट में कहा की इटली में जी-7 शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री किशिदा से मिलकर खुशी हुई। भारत और जापान के बीच मजबूत संबंध शांतिपूर्ण, सुरक्षित और समृद्ध हिंद-प्रशांत के लिए महत्वपूर्ण हैं। दोनों देश रक्षा, प्रौद्योगिकी, सेमीकंडक्टर, स्वच्छ ऊर्जा और डिजिटल प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में मिलकर काम करने के लिए उत्सुक हैं। हम बुनियादी ढांचे और सांस्कृतिक संबंधों में भी संबंधों को आगे बढ़ाना चाहते हैं।
मोदी ने लगातार तीसरे कार्यकाल के लिए पदभार ग्रहण करने पर दी गई बधाई के लिए किशिदा को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि जापान के साथ द्विपक्षीय संबंधों को उनके तीसरे कार्यकाल में प्राथमिकता मिलती रहेगी। दोनों नेताओं ने कहा कि भारत-जापान विशेष रणनीतिक और वैश्विक साझेदारी अपने 10वें वर्ष में है और उन्होंने संबंधों में हुई प्रगति पर संतोष व्यक्त किया।
उन्होंने कहा की भारत और जापान कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों में एक दूसरे का सहयोग कर रहे हैं। और जिसमें ऐतिहासिक मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल परियोजना शामिल हैं। और जो भारत में गतिशीलता के अगले चरण की शुरुआत करेगी।
जर्मन चांसलर के साथ अपनी संक्षिप्त बैठक के संबंध में मोदी ने अपने पोस्ट में लिखा की चांसलर स्कोल्ज़ के साथ आज की बातचीत बहुत ही सकारात्मक रही। भारत-जर्मनी रणनीतिक साझेदारी वैश्विक विकास को आगे बढ़ाने में एक प्रमुख भूमिका निभा सकते हैं जो समावेशी और टिकाऊ है।
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