राज्य-शहर ई पेपर व्यूज़- विचार

इजरायल: बंधकों के परिवारों ने पीएम नेतन्याहू का ऑफिस घेरा

Image Source: Google

यरूशलम। गाजा पट्टी में बंधक बनाए गए लोगों के रिश्तेदारों ने बुधवार को प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू (Benjamin Netanyahu) के नेसेट (इजरायली संसद) ऑफिस के एंट्रेंस को ब्लॉक कर दिया। ये लोग मांग कर रहे थे कि पीएम उनसे मिलें और उनके प्रियजनों को मुक्त कराने के लिए बंधक समझौते पर काम करें। ‘द टाइम्स ऑफ इजरायल’ की रिपोर्ट के मुताबिक यह प्रोटेस्ट नेतन्याहू और उनकी सरकार की ओर से लेबनान में हिजबुल्लाह के साथ युद्ध विराम को मंजूरी दिए जाने के एक दिन बाद हुआा। इजरायल और हिजबुल्लाह के बीच युद्ध विराम लेबनान में स्थानीय समयानुसार बुधवार सुबह 4 बजे (02:00 जीएमटी/सुबह 7:30 बजे भारतीय समय) लागू हो गया। एली अलबाग, जिनकी छोटी बेटी लिरी को पिछले वर्ष 7 अक्टूबर को हमास के हमले के दौरान बंदी बना लिया गया था, ने कहा कि जिस तरह नेतन्याहू (Netanyahu) लेबनान में लड़ाई समाप्त करने के लिए समझौता करने में सफल रहे, ऐसा ही उन्हें गाजा में भी करना चाहिए। अलबाग ने कहा, “अगर आप चाहें तो ऐसा कर सकते हैं। हम आपसे तहे दिल से विनती कर रहे हैं। प्रदर्शनकारियों को बाद में नेसेट सिक्योरिटी ने हटा दिया। इसके बाद वे मंजिल नीचे चले गए और इमारत के फेक्शन विंग की ओर जाने वाली सीढ़ियों पर प्रदर्शन करने लगे, जहां विभिन्न राजनीतिक दल बैठकें और प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हैं। सात बचे हुए अमेरिकी-इजरायली बंधकों के परिवारों ने एक संयुक्त बयान में कहा हम लेबनान में इस युद्धविराम समझौते से उत्साहित हैं, हम खुद से पूछते हैं, हमारे बच्चे, माता-पिता, बहनें और भाई कब घर लौटेंगे?

Also Read : राजद के बागी विधायकों पर कार्रवाई नहीं होने पर भड़के विपक्ष के नेता तेजस्वी

हम अपनी मेज पर उनकी कुर्सियों को हमेशा के लिए खाली नहीं रहने दे सकते। बयान में कहा गया, “हम [अमेरिका के] नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) से अपील करते हैं कि वे राष्ट्रपति [जो] बाइडेन और उनके प्रशासन के अधिकारियों के साथ मिलकर काम करें ताकि सात अमेरिकियों – ओमर न्यूट्रा, एडन अलेक्जेंडर, जूडी वेनस्टीन, गैड हाग्गई, कीथ सीगल, सगुई डेकेल-चेन और इते चेन – और अतिरिक्त 94 बंधकों को तुरंत घर लाया जा सके। इजराइल-हमास की लड़ाई को रोकने और शेष बंधकों को वापस लाने के लिए अमेरिका, मिस्र और कतर द्वारा मध्यस्थता से किए गए कई प्रयास विफल हो गए हैं। हमास का जोर युद्ध को समाप्त करने और सभी आईडीएफ बलों को वापस बुलाने पर रहा है दूसरी तरफ नेतन्याहू ने ये शर्तें खारिज कर दी हैं। हमास हजारों फिलिस्तीनी कैदियों की रिहाई की भी मांग कर रहा है। 7 अक्टूबर इजरायल में हमास के बड़े हमले के जवाब में यहूदी राष्ट्र ने फिलिस्तीनी ग्रुप के कब्जे वाली गाजा पट्टी में सैन्य अभियान शुरू किया था। हमास के हमले में करीब 1200 लोग मारे गए थे जबकि 250 से अधिक लोगों को बंधक बनाया गया था। इजरायली हमलों ने गाजा में बड़े पैमाने पर तबाही मचाई है और हजारों फिलिस्तीनियों की मौत हुई है।

By NI Desk

Under the visionary leadership of Harishankar Vyas, Shruti Vyas, and Ajit Dwivedi, the Nayaindia desk brings together a dynamic team dedicated to reporting on social and political issues worldwide.

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *