मॉस्को। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) ने बुधवार को उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में भगदड़ के दौरान बड़ी संख्या में हुई मौतों पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu) और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) को शोक संदेश भेज कर संवेेदना जताई है। पुतिन ने अपने शोक संदेश में कहा, “सम्माननीय राष्ट्रपति महोदया, सम्माननीय प्रधानमंत्री महोदय, कृपया उत्तर प्रदेश में हुई दुखद दुर्घटना पर हार्दिक संवेदना स्वीकार करें। कृपया मेरी ओर से मृतकों के परिजनों के प्रति सहानुभूति और समर्थन व्यक्त करें और सभी घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करें।
रूसी राष्ट्रपति के साथ द्विपक्षीय वार्ता करने के लिए पीएम मोदी (PM Modi) के अगले सप्ताह मॉस्को जाने की उम्मीद है। क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने मंगलवार को कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की रूस यात्रा की तैयारियां अंतिम चरण में हैं और जल्द ही तारीखों की घोषणा की जाएगी। पेसकोव के हवाले से स्थानीय मीडिया कहा हम अपने भारतीय मित्रों के साथ समझौते के अनुसार इस यात्रा की आधिकारिक घोषणा (Official Announcement) जल्द ही करेंगे। मैं एक बार फिर कहना चाहता हूं कि यात्रा की तैयारी अंतिम चरण में है। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) के प्रेस सचिव ने भी कहा कि पीएम मोदी की यात्रा आठ जुलाई के आसपास होने की उम्मीद है।
न्यूयॉर्क में, रूस ने सोमवार को जब संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की मासिक अध्यक्षता संभाली, तो उसके स्थायी प्रतिनिधि वसीली नेबेंजिया ने भारत व रूस के बीच विशेष विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी पर प्रकाश डाला और कहा कि पीएम मोदी (PM Modi) की मॉस्को यात्रा से “गंभीर संदेश” निकलेंगे। उन्होंने संवाददाताओं से कहा भारत रूस का पुराना मित्र है। हम कई क्षेत्रों में सहयोग करते हैं, और मुझे लगता है कि उन मुद्दों पर ठोस बातचीत होगी। रूसी राजनयिक ने कहा मुझे यकीन है कि पीएम मोदी (PM Modi) की रूस यात्रा से सार्थक परिणाम सामने आएगा व रूस-भारत संबंध और मजबूत होगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने पिछली बार सितंबर 2019 में व्लादिवोस्तोक में 5वें पूर्वी आर्थिक शिखर सम्मेलन के दौरान आयोजित 20वें भारत-रूस द्विपक्षीय शिखर सम्मेलन के लिए रूस का दौरा किया था। यह यात्रा भारत की दृष्टि से गेम-चेंजर (Game Changer) साबित हुई। इसने तेल, गैस, सड़क परिवहन, रक्षा, व्यापार और निवेश के क्षेत्रों में रूस के साथ भारत के और गहरे संबंधों का मार्ग प्रशस्त किया। इसके पहले प्रधानमंत्री मोदी ने 2015 में मास्को की आधिकारिक यात्रा की थी।
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