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वियना में पीएम मोदी के स्वागत में हुआ भव्य समारोह

वियना। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) का बुधवार को वियना के फेडरल चांसरी में भव्य स्वागत (Grand Ceremony) किया गया। पीएम मोदी ऑस्ट्रिया की अपनी ऐतिहासिक यात्रा पर हैं। यह किसी भारतीय प्रधानमंत्री की 41 वर्षों में पहली ऑस्ट्रिया यात्रा है। ऑस्ट्रिया के चांसलर कार्ल नेहमर ने द्विपक्षीय संबंधों में एक नया अध्याय जोड़ते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का गर्मजोशी से स्वागत किया। कार्ल नेहमर ने पिछले सप्ताह पीएम मोदी (PM Modi) की वियना यात्रा को ‘विशेष सम्मान’ बताया था। ऑस्ट्रिया पहुंचे पीएम मोदी की चांसलर कार्ल नेहमर ने खुद मेजबानी की। यह दोनों नेताओं के बीच पहली मुलाकात थी। यह मुलाकात ऐसे समय में हुई है जब दोनों देश राजनयिक संबंधों की 75वीं वर्षगांठ मना रहे हैं।

उन्होंने कहा कि द्विपक्षीय साझेदारी की पूरी क्षमता को साकार करने पर बातचीत जारी रहेगी। पीएम नरेंद्र मोदी ने चांसलर नेहमेर (Chancellor Nehammer) को गर्मजोशी भरे स्वागत के लिए धन्यवाद दिया। साथ ही कहा कि वह बुधवार को होने वाली चर्चाओं का इंतजार कर रहे हैं। दोनों देश विश्व की भलाई के लिए मिलकर काम करना जारी रखेंगे। चांसलर नेहामेर के साथ बातचीत करने के अलावा पीएम मोदी (PM Modi) ऑस्ट्रिया के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर वान डेर बेलेन (Alexander Van Der Bellen) से भी मुलाकात करेंगे। इसके अलावा वे भारत और ऑस्ट्रिया के व्यापारिक नेताओं को संबोधित करेंगे और वियना में भारतीय समुदाय के सदस्यों के साथ भी बातचीत करेंगे। पिछले हफ्ते विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने ऑस्ट्रिया को एक ‘महत्वपूर्ण मध्य यूरोपीय देश’ बताया था।

यह बुनियादी ढांचे, नवीकरणीय ऊर्जा, उच्च प्रौद्योगिकी, स्टार्ट-अप, मीडिया और मनोरंजन के क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग के लिए बेहतर अवसर देता है। उन्होंने भारत-ऑस्ट्रिया के बीच बढ़ते व्यापार और निवेश संबंधों को भी उजागर किया था। विदेश सचिव क्वात्रा (Kwatra) ने कहा था हमें भरोसा है कि इस यात्रा से हमें द्विपक्षीय संबंधों के विभिन्न महत्वपूर्ण क्षेत्रों, आपसी हित के क्षेत्रीय और विश्व के मुद्दों पर चर्चा करने का अवसर मिलेगा। इसके अलावा हमारी साझेदारी के दायरे को व्यापक बनाने में मदद मिलेगी। भारत और ऑस्ट्रिया ने पिछले वर्ष मई में एक व्यापक प्रवासन (Migration) और मोबिलिटी समझौते पर भी हस्ताक्षर किए थे। द्विपक्षीय साझेदारी के नए क्षेत्रों का विस्तार करने और उन्हें तलाशने के लिए मिलकर काम करना जारी रखा है।

विदेश मंत्रालय में सचिव (पश्चिम) पवन कपूर (Pawan Kapoor) ने कहा हम यह भी देख रहे हैं कि हम प्रौद्योगिकी के मामले में क्या कर सकते हैं। मुझे लगता है कि भारत में बुनियादी ढांचे, सुरंग निर्माण और ट्रैक बिछाने जैसे कई क्षेत्रों में 30 से 40 बड़ी ऑस्ट्रियाई कंपनियां पहले से ही मौजूद हैं। ऑस्ट्रिया में भारत से हमें पहले से ही काफी निवेश मिल चुका है। लेकिन हम यह देखना चाहते हैं कि हम इसे कैसे आगे बढ़ा सकते हैं। हम अन्य प्रमुख क्षेत्रों, स्वच्छ प्रौद्योगिकियों और नवीकरणीय ऊर्जा (Renewable Energy) पर भी विचार करना चाहते हैं। हम विभिन्न क्षेत्रों पर विचार करना चाहते हैं, जहां हम मिलकर काम करने की कोशिश कर सकते हैं।

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