मुंबई। भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े के होटल के कमरे में लोगों की भीड़ के घुसने, पुलिस और चुनाव आयोग की टीम के पहुंचने और पैसे पकड़े जाने की घटना पर वैसे तो विपक्ष की सभी पार्टियों के नेताओं ने बयान दिया है, लेकिन सबसे दिलचस्प बयान उद्धव ठाकरे की शिव सेना के प्रवक्ता और राज्यसभा सांसद संजय राउत ने दिया है। उन्होंने इस पूरी घटना के पीछे साजिश की संभावना जताई है। हालांकि उन्होंने किसी का नाम नहीं लिया है लेकिन इसे भाजपा के आंतरिक विवाद से जोड़ा जा रहा है।
संजय राउत ने कहा है- विनोद तावड़े पर गृह विभाग ने नजर रखी थी। भाजपा के कुछ लोग आज खुश होंगे। ये साजिश तो नहीं है। भविष्य में तावड़े बड़े ना हों, इसलिए यह किया गया। मेरे पास 18 लोगों के नाम हैं जो पैसा बांट रहे हैं। लेकिन विनोद तावड़े खुद पैसा बांट रहे हैं, यह आश्चर्य की बात है। इसका मतलब है कि राउत की 18 लोगों की सूची में तावड़े का नाम नहीं था। फिर भी उनको लेकर इतना विवाद हुआ। गौरतलब है कि महाराष्ट्र की राजनीति में उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस की विनोद तावड़े से नहीं बनती है। फड़नवीस ने तावड़े को अपनी सरकार से मंत्री पद से हटा दिया था और उनकी टिकट भी कटवा दी थी।
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माना जाता है कि भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने फड़नवीस को संतुलित रखने के लिए पार्टी संगठन में तावड़े को आगे बढ़ाया। वे महासचिव हैं और बिहार के प्रभारी हैं। हरियाणा के चुनाव में भी उनको लगाया गया था। जेपी नड्डा की जगह लेने के लिए भी उनके नाम की चर्चा चल रही है और यह भी चर्चा है कि अगर महाराष्ट्र में भाजपा को सरकार बनाने का मौका मिलता है तो उनकी लॉटरी खुल सकती है। तभी इस पूरे घटनाक्रम को भाजपा के अंदरूनी विवाद से जोड़ा जा रहा है।