वाराणसी। ज्ञानवापी के वजूखान सहित पूरे परिसर का सर्वे कराने के मामले में हिंदू पक्ष को बड़ा झटका लगा है। वाराणसी की एक फास्ट ट्रैक कोर्ट ने पूरे परिसर का सर्वे कराने की मांग वाली याचिका खारिज कर दी है। अदालत ने कहा है कि ज्ञानवापी के पूरे परिसर का सर्वे नहीं होगा। फैसले के बाद हिंदू पक्ष ने कहा है कि इसके खिलाफ हाई कोर्ट में अपील की जाएगी। गौरतलब है कि हिंदू पक्ष ने दावा किया था कि मुख्य गुंबद के नीचे एक सौ फीट का शिवलिंग मौजूद है। ऐसे में पूरे परिसर की खुदाई कराकर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण, एएसआई से सर्वे कराया जाए।
फास्ट ट्रैक कोर्ट के फैसले के बाद हिंदू पक्ष के वकील जय शंकर रस्तोगी ने कहा- हम इस मामले को लेकर अब हाई कोर्ट जाएंगे। एक दूसरे वकील ने बताया- वजू खाना और एएसआई सर्वे कराने की मांग पहले से ही हाई कोर्ट में लंबित है। उसके विरोधाभास में जिला कोर्ट कोई आदेश नहीं दे सकती थी। शायद इस वजह से यह याचिका खारिज कर दी गई है। फास्ट ट्रैक कोर्ट ने 1991 में दायर याचिका पर फैसला सुनाया।
इस याचिका को 33 साल पहले स्वयंभू विश्वेश्वर ज्योतिर्लिंग की ओर से पंडित सोमनाथ व्यास, डॉ. रामरंग शर्मा और पंडित हरिहर नाथ पांडेय ने पूरे परिसर की एएसआई सर्वे की मांग उठाई थी। हालांकि, तीनों की मौत हो चुकी है। अब वादी वादमित्र विजय शंकर रस्तोगी हैं। पूरे परिसर के सर्वे मांग वाली याचिका पर आठ महीने से फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई चली। इस दौरान मुस्लिम पक्ष के वकीलों ने दलील दी थी कि जब ज्ञानवापी परिसर का एएसआई सर्वेक्षण एक बार पहले हो चुका है, तो दूसरा सर्वेक्षण करने का कोई औचित्य नहीं है। उन्होंन सर्वेक्षण के लिए मस्जिद परिसर में गड्ढा खोदना किसी भी तरह से व्यावहारिक नहीं होगा। इससे मस्जिद को नुकसान हो सकता है।