नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को कड़ी फटकार लगाई है। अदालत ने कहा है कि वे राजा नहीं हैं कि वे जैसा चाहेंगे वैसा होगा। अदालत से इस बात से नाराज थी कि जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क में अवैध तरीके से पेड़ काटने के आरोपी वन विभाग के अधिकारी राहुल की राजाजी नेशनल पार्क के निदेशक के तौर पर नियुक्ति कैसे हुई। इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट ने उतराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को फटकार लगाई।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा- हम सामंती युग में नहीं हैं, जैसा राजाजी बोलें वैसा ही होगा। सार्वजनिक विश्वास का सिद्धांत भी होता है। जब मंत्री और मुख्य सचिव से मतभेद हो तो कम से कम लिखित में कारण के साथ विवेक का इस्तेमाल किया जाना चाहिए था। जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा और जस्टिस केवी विश्वनाथन की पीठ ने मुख्यमंत्री के कामकाज पर कड़ी आपत्ति जताई और सार्वजनिक विश्वास सिद्धांत के महत्व पर जोर दिया।
सर्वोच्च अदालत ने सरकार की मनमानी पर टिप्पणी करते हुए कहा कि भ्रष्टाचार के आरोपी अधिकारी को निलंबित करने के बजाय उसका स्थानांतरण कर देना कतई उचित कदम नहीं है। गौरतलब है कि जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क के कोर एरिया में अवैध और मनमाने निर्माण के साथ पेड़ों की कटाई के मामले में सुप्रीम कोर्ट पहले भी राज्य सरकार के वन मंत्री और आरोपी वन अधिकारियों को फटकार लगा चुका है।