नई दिल्ली। अमेरिका के निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दूसरी बार राष्ट्रपति पद की शपथ नहीं ली है लेकिन उन्होंने तीसरी बार की बात शुरू कर दी है। उन्होंने तीसरी बार भी राष्ट्रपति बनने की इच्छा जताई है। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने बुधवार को राष्ट्रपति जो बाइडेन से मुलाकात के पहले वाशिंगटन डीसी के एक होटल में अपने समर्थकों और सांसदों के बीच यह इच्छा जाहिर की। उसके बाद से यह बहस छिड़ गई है कि क्या ट्रंप तीसरी बार राष्ट्रपति बनने के लिए अमेरिका का संविधान बदल देंगे?
बताया जा रहा है कि ट्रंप ने जब अपने समर्थकों के बीच तीसरी बार राष्ट्रपति बनने वाली बात कही तो उन्होंने इस पर खुशी जाहिर की। ट्रंप ने अमेरिकी संसद के निचले सदन यानी प्रतिनिधि सभा के सदस्यों से कहा- मुझे लगता है कि मैं फिर से राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव नहीं लड़ूंगा। लेकिन आप अगर ऐसा चाहें हैं तो मैं ऐसा सोच सकता हूं। इस पर उनके समर्थकों ने खुशी जता कर समर्थन किया।
गौरतलब है कि अमेरिका में दो बार ही राष्ट्रपति बनने का प्रावधान है और ट्रंप दूसरी बार राष्ट्रपति चुने गए हैं। इससे पहले वह 2017 से 2021 तक राष्ट्रपति रह चुके हैं। अगर वे तीसरी बार राष्ट्रपति बनने की कोशिश करते हैं तो इसके लिए उन्हें संविधान में संशोधन करना होगा। इसके लिए अमेरिकी संसद और राज्यों से समर्थन की जरूरत होगी। असल में 73 साल पहले 1951 में अमेरिका में यह कानून बना था कि कोई भी व्यक्ति दो बार से ज्यादा राष्ट्रपति नहीं बन सकता है। उससे पहले यह बात परंपरा से चली आ रही थी क्योंकि अमेरिका के पहले राष्ट्रपति जॉर्ज वाशिंगटन ने दो बार के बाद खुद ही चुनाव लड़ना छोड़ दिया था। उसके बाद से यह परंपरा चल रही थी और किसी ने इसे तोड़ा नहीं था। लेकिन दूसरे विश्व युद्ध के समय फ्रैंकलिन डी रूजवेल्ट चार बार राष्ट्रपति बने। उसके बाद ही संविधान में संशोधन करके कानून बनाया गया कि कोई भी व्यक्ति दो ही बार अमेरिका का राष्ट्रपति बन सकता है।