प्रयागराज। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग यानी यूपीपीएससी के कार्यालय के बाहर मंगलवार को 20 हजार छात्रों ने प्रदर्शन किया। एक दिन पहले सोमवार को 10 हजार छात्र प्रदर्शन कर रहे थे, जिन पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया था। इसके बावजूद छात्र डटे रहे। उन्होंने रात भर प्रदर्शन किया और अगले दिन प्रदर्शन कर रहे छात्रों की संख्या दोगुनी हो गई। छात्रों ने यूपीपीएससी से बात करने से इनकार कर दिया है। उनका कहना है कि एक दिन में और एक सत्र में परीक्षा आयोजित करने की अधिसूचना जारी हो तभी बातचीत होगी।
असल में छात्र चाहते हैं कि पीएससी और आरओ व एआरओ की परीक्षा दो दिन की बजाय एक दिन में और एक सत्र में कराया जाए और अंकों का मानकीकरण नहीं किया जाए। गौरतलब है कि यूपीपीएससी ने परीक्षा का कार्यक्रम घोषित करने के बाद बदलाव करते हुए इसे दो दिन में कराने का फैसला किया। जब कोई भी प्रतियोगिता परीक्षा दो दिन में होगी तो प्रश्नपत्र की डिफिकल्टी के स्तर के हिसाब से अंकों का मानकीकरण करना पड़ता है। छात्र इसका विरोध कर रहे हैं।
बहरहाल, प्रयागराज में यूपीपीसीएस के सामने 20 हजार छात्रों ने थाली बजाकर विरोध जताया। वे बैरिकेडिंग पर चढ़ गए। इतना ही नहीं, छात्रों ने आयोग के मेन गेट पर कालिख से ‘लूट सेवा आयोग’ लिख दिया और आयोग के अध्यक्ष संजय श्रीनेत की शव यात्रा निकाली। पुलिस यह सब देखती रही। छात्रों के प्रदर्शन में शामिल होने जा रहे पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर को पुलिस ने हिरासत में ले लिया।
इस बीच, छात्रों के प्रदर्शन पर सियासत भी शुरू हो गई है। राज्य के उप मुख्यमंत्री केशव मौर्य छात्रों के समर्थन में उतर आए। उन्होंने कहा- अधिकारी छात्रों की मांगों को संवेदनशीलता से सुनें और जल्दी समाधान निकालें। सुनिश्चित करें कि छात्रों का कीमती समय आंदोलन में नहीं, एग्जाम की तैयारी में लगे। भाजपा के पूर्व सांसद कुश्ती महासंघ के विवादित अध्यक्ष रहे बृजभूषण शरण सिंह ने भी छात्रों का समर्थन किया और उनके ऊपर लाठीचार्ज किए जाने की घटना की निंदा की।
विपक्ष के नेता अखिलेश यादव ने कहा- योगी बनाम प्रतियोगी छात्र जैसा माहौल है। भाजपा के पतन में ही छात्रों का उत्थान है। भाजपा और नौकरी में विरोधाभासी संबंध है। जब भाजपा जाएगी, तभी नौकरी आएगी। उन्होंने कहा- अब क्या भाजपा सरकार छात्रों के हॉस्टल या लॉज पर बुलडोजर चलाएगी?