नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने चार राज्यों के विधानसभा चुनावों से ठीक पहले केंद्रीय कर्मचारियों को बड़ा तोहफा दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्रीय कर्मचारियों के संगठन के साथ शनिवार को बैठक की, जिसमें एकीकृत पेंशन योजना यानी यूपीएस पर चर्चा हुई। इसके बाद केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में इस योजना को मंजूरी दी गई। इस योजना के तहत कर्मचारियों के लिए एक निश्चित पेंशन राशि, निश्चित फैमिली पेंशन और न्यूनतम पेंशन का प्रावधान किया गया है। यह योजना एक अप्रैल 2025 से लागू होगी।
यूपीएस के तहत सरकार 25 साल तक काम करके रिटायर होने वाले कर्मचारियों को उनके आखिरी 12 महीने के औसत बेसिक सैलरी के 50 फीसदी के बराबर पेंशन देगी। निश्चित फैमिली पेंशन के तहत कर्मचारी रिटायर होने के बाद एक साथ 60 फीसदी पैसा निकाल सकता है। न्यूनतम पेंशन योजना के तहत 10 साल की न्यूनतम सेवा के बाद रिटायर होने वाले कर्मचारियों को 10 हजार रुपए की पेंशन मिलेगी।
कैबिनेट की बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया- यूपीएस एक अप्रैल 2025 से लागू होगा। इसका फायदा 23 लाख केंद्रीय कर्मचारियों को होगा। उन्होंने बताया कि कर्मचारियों को इसमें हिस्सेदारी देने की जरूरत नहीं होगी। सरकार अपनी तरफ से कर्मचारी की बेसिक सैलरी का साढ़े 18 फीसदी जमा करेगी। यूपीएस से पहले लागू न्यू पेंशन स्कीम यानी एनपीएस में कर्मचारी को अपनी बेसिक सैलरी का 10 फीसदी हिस्सा जमा करना होता है। इसमें सरकार 14 फीसदी देती है।
बहरहाल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को केंद्रीय कर्मचारियों के नेताओं के साथ अपने आवास पर बैठक की। कार्मिक मंत्रालय ने इसके संबंध में 21 अगस्त को एक नोटिस जारी किया गया था। पिछले 10 साल में यह पहली बैठक है, जिसमें प्रधानमंत्री और केंद्रीय कर्मचारियों की नेशनल काउंसिल यानी ज्वाइंट कंसल्टेटिव मशीनरी यानी जेसीएम के सदस्य शामिल हुए। बैठक में पुरानी पेंशन योजना यानी ओपीएस और नई पेंशन योजना यानी एनपीएस पर भी चर्चा हुई। उसके बाद एकीकृत पेंशन योजना लाने की बात हुई।
इस साल वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश करते हुए एनपीएस में सुधार की बात कही थी। सरकार ने पुरानी पेंशन योजना को फिर से बहाल करने से इनकार कर दिया था। संसद में पूछे गए एक सवाल के जवाब में वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने जवाब दिया था कि सरकार ओपीएस बहाली पर कोई विचार नहीं कर रही है।