इम्फाल। पिछले डेढ़ साल से जातीय हिंसा की आग में झुलस रहे मणिपुर में फिर से खूनखराबा शुरू हो गया है। सोमवार को हुई गोलीबारी और 10 उग्रवादियों के मारे जाने के एक दिन बाद मंगलवार को दो शव मिले हैं और खबर मिली है कि छह लोग लापता हैं। बताया जा रहा है कि मंगलवार, 12 नवंबर को जिन दो लोगों के शव मिले हैं वे मैती समुदाय के बुजुर्गों के हैं। ध्यान रहे सोमवार को पुलिस और सीआरपीएफ की कार्रवाई में 10 संदिग्ध कुकी उग्रवादी मारे गए थे।
बहरहाल, पुलिस ने मंगलवार को बताया कि सोमवार की मुठभेड़ के बाद से तीन महिलाएं और तीन बच्चे लापता हैं। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सुरक्षा बल लापता लोगों का पता लगाने के लिए अभियान चला रहे हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक, जिरिबाम के जकुराधोर करोंग इलाके में दो बुजुर्ग व्यक्तियों के शव मलबे से बरामद किए गए। इस इलाके में उग्रवादियों ने सोमवार को कुछ दुकानों में आग लगा दी थी। पुलिस से मुठभेड़ में आग लगाए जाने की घटना के बाद कई इलाकों में कर्फ्यू लगा दी गई थी।
मणिपुर पुलिस ने मंगलवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि मुठभेड़ में मारे गए 10 लोगों के पास असम की सीमा के पास जिरिबाम के प्रभावित इलाके में अराजकता फैलाने के लिए हथियार और गोला बारूद था। मणिपुर पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इम्फाल में बताया- सुरक्षा बलों ने लापता लोगों की तलाश के लिए अभियान शुरू कर दिया है। लापता लोगों में तीन महिलाएं और तीन बच्चे हैं। उन्होंने कहा कि अगर गोलीबारी की गई तो असम राइफल्स, सीमा सुरक्षा बल और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल जवाबी कार्रवाई करेंगे।
सुरक्षा कर्मियों के साथ सोमवार की मुठभेड़ में संदिग्ध उग्रवादियों के मारे जाने के विरोध में पहाड़ी क्षेत्र के कुकी जो बहुल इलाकों में मंगलवार सुबह पांच बजे से ही बंद रखा गया था। गौरतलब है कि सोमवार को मारे गए संदिग्ध उग्रवादियों ने पुलिस की वर्दी पहन रखी थी और अत्याधुनिक हथियारों से लैस थे। पुलिस ने बताया कि उन्होंने जिरिबाम जिले में एक पुलिस स्टेशन और उसके पास के सीआरपीएफ कैंप पर अंधाधुंध गोलीबारी की। इस मुठभेड़ के दौरान सीआरपीएफ के दो जवान घायल हुए।