नई दिल्ली। महिला आरक्षण बिल पर गुरुवार को राज्यसभा में चर्चा के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष और उच्च सदन में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने इस कानून को तुरंत लागू करने की मांग की। उन्होंने कहा कि इसे क्यों जनगणना और परिसीमन के नाम पर आगे के लिए टाला जा रहा है, इसे तुरंत लागू करना चाहिए। उन्होंने कानून में अन्य पिछड़ी जातियों के लिए आरक्षण का प्रावधान करने की भी मांग की। उनके जवाब में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि सरकार कानून के हिसाब से काम करती है। नड्डा ने यह भी कहा कि कांग्रेस को शासन करना नहीं आया।
इससे पहले संसद के विशेष सत्र के चौथे दिन राज्यसभा में कानून मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने महिला आरक्षण बिल पेश किया। उन्होंने बिल के बारे में बताया और फिर इस पर चर्चा शुरू हुई। कांग्रेस की ओर से उसकी सांसद रंजीत रंजन ने चर्चा की शुरुआत की। उन्होंने बिल के नाम पर आपत्ति जताते हुए कहा कि महिलाओं को वंदन नहीं, समानता चाहिए। नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने चर्चा के दौरान कबीर का दोहा ‘काल करे सो, आज कर’ सुनाया और तुरंत आरक्षण लागू करने की मांग की।
भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने चर्चा में कहा- ये बिल महिलाओं पर अहसान नहीं, बल्कि उनका वंदन और अभिनंदन है। अगर ये बिल आज पास होता है तो 2029 तक 33 फीसदी महिलाएं सांसद बनकर आ जाएंगी। नड्डा ने आगे कहा कि जवाब दिया कि भाजपा का उद्देश्य राजनीतिक फायदा लेने का नहीं है। सरकार नियमों से काम करती है और पक्का काम करने में विश्वास रखती है। उन्होंने राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि जो सिल्वर स्पून के साथ पैदा होते हैं, उन्हें गरीबों की परेशानियां नहीं पता होतीं। एक लीडर को लीडर बनना पड़ता है, सिखाए हुए बयान देने से काम नहीं चलता। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने भाषण में कहा कि स्थानीय निकाय चुनावों में महिला आरक्षण लागू करने का श्रेय पीवी नरसिंह राव की सरकार को जाता है।