नई दिल्ली। देश में गेहूं का स्टॉक कम होने की खबरों के बीच भारत सरकार ने इसकी जमाखोरी रोकने का नया निर्देश जारी किया है। सरकार ने इसका स्टॉक रखने की नई सीमा लगाई है। केंद्र की ओर से सोमवार को जारी स्टॉक होल्डिंग लिमिट सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के ट्रेडर्स, होलसेलर, रिटेलर्स, बिग चेन रिटेलर्स और प्रोसेसर्स पर लागू होगी। सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए यह आदेश 31 मार्च 2025 तक लागू रहेगा।
केंद्रीय खाद्य आपूर्ति सचिव संजीव चोपड़ा ने कहा कि सिंगल रिटेलर्स, बिग चेन रिटेलर्स, प्रोसेसर और होलसेलर हर शुक्रवार को गेहूं के स्टॉक की जानकारी देंगे। उन्होंने कहा- सरकार देश में गेहूं की कमी को दूर करना चाहती है। चोपड़ा ने यह भी कहा कि फिलहाल गेहूं के निर्यात पर कोई प्रतिबंध नहीं है और चीनी के निर्यात पर प्रतिबंध की समीक्षा का भी कोई प्रस्ताव नहीं है। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक पिछले साल की तुलना में गेहूं और आटे की कीमतें दो रुपए प्रति किलो तक बढ़ गई हैं।
बहरहाल, सरकार की ओर से लगाई गई सीमा के मुताबिक थोक विक्रेताओं के लिए स्टॉक सीमा तीन हजार टन होगी, जबकि प्रोसेसर के लिए यह सीमा उसकी प्रोसेसिंग क्षमता के 70 फीसदी के बराबर होगी। बिग चेन रिटेलर्स के लिए यह 10 टन प्रति आउटलेट होगी, जिसकी कुल सीमा तीन हजार टन होगी। सिंगल रिटेलर्स के लिए 10 टन होगी। खाद्य सचिव ने यह भी बताया कि एक अप्रैल 2023 को गेहूं का शुरुआती स्टॉक 82 लाख मीट्रिक टन था, जबकि एक अप्रैल 2024 को यह 75 लाख मीट्रिक टन था। उन्होंने कहा पिछले साल 266 लाख मीट्रिक टन की खरीद की गई थी, जबकि इस साल सरकार ने 262 लाख मीट्रिक टन की खरीद की है और खरीद अभी भी जारी है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि गेहूं की कमी नहीं है।