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मजदूरों के बचाव में नई मुश्किल

देहरादून। उत्तराखंड के उत्तरकाशी में सिलक्यारा की निर्माणाधीन सुरंग में नौ दिन से फंसे 41 मजदूरों को निकालने का काम मुश्किल होता जा रहा है। राहत व बचाव टीम पांच अलग अलग उपायों पर काम कर रही है लेकिन किसी में कामयाबी नहीं मिल रही है। उलटे सुरंग में फंसे मजदूरों के बचाव के लिए ड्रिलिंग कर रहे मजदूर और तकनीकी लोगों को अपनी जान खतरे में दिखने लगी है। मशीन के साथ काम कर रहे मजदूर घबरा रहे हैं। उनको लग रहा है कि वे जो सुरंग बना रहे हैं वह भी धंस सकती है। ऊपर से 16 नवंबर को आए भूकंप की वजह से भी मजदूरों की चिंता बढ़ी है।

इस बीच सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को फोन करके राहत व बचाव कार्यों का जायजा लिया। मुख्यमंत्री ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से आवश्यक बचाव उपकरण व संसाधन उपलब्ध कराए जा रहे हैं। केंद्र और राज्य की एजेंसियों के आपसी तालमेल से मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया जाएगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि सुरंग में फंसे मजदूरों का मनोबल बनाए रखने की जरूरत है।

मुख्यमंत्री धामी ने मौजूदा स्थिति की जानकारी देते हुए बताया कि राज्य और केंद्रीय एजेंसियां आपसी तालमेल और तत्परता के साथ राहत और बचाव कार्य में जुटी हैं। सुरंग में फंसे मजदूर सुरक्षित हैं और ऑक्सीजन, पौष्टिक भोजन और व पानी उपलब्ध करवाया जा रहा है। राहत और बचाव कार्यों के लिए विशेषज्ञों की राय लेकर एजेंसियां काम कर रही हैं। हालांकि दुर्घटना की जगह पर वास्तविक स्थिति में कोई बदलाव नहीं आया है। नौ दिन पहले जो हालात थे अब भी वही स्थिति है।

इस बीच खबर है कि सोमवार को सुरंग में ऑगर मशीन से ड्रिलिंग रोक दी गई है। मशीन के साथ काम कर रहे मजदूरों में दहशत है। वे सुरंग के अंदर काम करने से घबरा रहे हैं। नेशनल हाईवे इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड यानी एनएचआईडीसीएल के निदेशक अंशु मनीष ने बताया कि सुसंग के अंदर कभी भी, कुछ भी हो सकता है। इसलिए किसी अनहोनी की आशंका को देखते हुए ऑगर मशीन के साथ काम कर रहे मजदूरों के लिए अलग से सुरंग बनाई जा रही है।

बचाव कार्य में लगे अधिकारियों ने बताया है कि डंडालगांव की तरफ से सुरंग में ऊपर से ड्रिलिंग के लिए काम चल रहा है। सिलक्यारा की तरफ से छह इंच की नई पाइपलाइन सुरंग के अंदर भेजने में सफलता मिली है। अंदर फंसे मजदूरों के लिए सोमवार की शाम से सेब, दलिया, खिचड़ी जैसे हल्के खाद्य पदार्थ भेजे जाएंगे। मुख्यमंत्री ने बताया कि अंदर फंसे सभी मजदूर सुरक्षित हैं और उन्हें जल्दी बाहर निकलने की पूरी कोशिश की जा रही है। उन्होंने यह भी बताया कि अब तक प्रधानमंत्री तीन बार स्थिति की जानकारी ले चुके हैं।

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