देहरादून। उत्तराखंड के उत्तरकाशी में एक निर्माणाधीन सुरंग में फंसे मजदूरों को निकालने अभियान में बाधा आ गई है। सुरंग में फंसे मजदूरों तक पहुंचने के लिए की जा रही ड्रिलिंग के रास्ते में एक चट्टान आ गई है, जिसकी वजह से ड्रिलिंग रोकनी पड़ी। इस बीच सुरंग के अंदर फंसे 40 में से दो मजदूरों की तबियत खराब हो गई है। उन्हें पाइप के जरिए दवा भेजी जा रही है। गौरतलब है कि निर्माणाधीन सिल्क्यारा सुरंग धंसने से रविवार के दिन से 40 मजदूर अंदर फंसे हैं। फंसे हुए मजदूरों में सबसे ज्यादा 15 लोग झारखंड के हैं। शुक्रवार यानी 17 नवंबर को दो मजदूरों की तबीयत बिगड़ गई।
इस बीच ड्रिलिंग के काम में इस्तेमाल की जा रही अमेरिकी ऑगर मशीन को रेस्ट दिया गया है। आगे का बचाव अभियान जारी रखने के लिए इंदौर से नई ऑगर मशीन मंगवाई गई है। यह शाम साढ़े पांच बजे देहरादून पहुंची। यहां से इसे सड़क के रास्ते उत्तरकाशी तक पहुंचने में 10-12 घंटे लगेंगे। यानी अब यह शनिवार सुबह से काम कर पाएगी। बताया जा रहा है कि ड्रिलिंग के काम में इस्तेमाल हो रही ऑगर मशीन के रास्ते में चट्टान आने से दोपहर 12 बजे इसे दो घंटे के लिए बंद किया गया। चट्टान की वजह से काम की रफ्तार धीमी हो गई। रेस्क्यू के लिए मशीन के सहारे जिस पाइप को डाला गया, वो बहुत धीरे-धीरे आगे बढ़ पा रहा है।
बताया जा रहा है कि मशीन ने शुक्रवार सुबह 12 बजे तक 30 मीटर तक ड्रिल कर लिया था, लेकिन इसमें पाइप 24 मीटर से कुछ ज्यादा ही जा सका। मशीन को कुल 60-70 मीटर तक ड्रिलिंग करनी है। गौरतलब है कि हादसा 12 नवंबर की सुबह चार बजे हुआ था, जब सुरंग के एंट्री प्वाइंट से दो सौ मीटर दूर मिट्टी धंस गई। इसका मलबा 70 मीटर तक फैला हुआ है। बहरहाल, 40 में जिन दो मजदूरों की तबीयत खराब हुई है, उनमें एक को अस्थमा जबकि दूसरे को डायबिटीज है। खाना-पानी भेजने वाले पाइप से इनकी दवाई नियमित भेजी जा रही है। साथ ही अंदर फंसे लोगों से उनके परिजनों की भी बात कराई जा रही है।