देहरादून। उत्तराखंड में उत्तरकाशी के सिलक्यारा सुरंग में 16 दिन से फंसे 41 मजदूरों को बाहर निकालने के लिए लिए चल रहे बचाव कार्य में बारिश की बाधा आ सकती है। मौसम विभाग ने उत्तराखंड में अगले 24 घंटे के दौरान बारिश और ओले पड़ने की आशंका जताई है। राहत व बचाव कार्य में लगे विशेषज्ञों का कहना है कि बारिश और ओलावृष्टि से बचाव अभियान में परेशानियां आ सकती हैं। इस बीच सोमवार को प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव पीके मिश्रा ने घटनास्थल पर पहुंच कर बचाव कार्यों का जायजा लिया।
इससे पहले सोमवार को पहाड़ के ऊपर से खुदाई का काम तेजी से आगे बढ़ा। सोमवार की देर शाम तक 36 मीटर की खुदाई हो गई थी। मजदूरों तक पहुंचने के लिए 86 मीटर की खुदाई की जानी है। अगर सब कुछ ठीक चलता रहा और कोई बाधा नहीं आई तो यह काम 30 नवंबर तक पूरा हो जाएगा। दूसरी ओर अमेरिकी ऑगर मशीन से हुई सुरंग की खुदाई का काम भी सोमवार को आगे बढ़ा। गौरतलब है कि ऑगर मशीन से 47 मीटर तक खुदाई हुई थी और उसके बाद मशीन के ब्लेड्स टूट गए थे। टूटी हुई मशीन के हिस्से सोमवार को निकाले गए और उसके बाद हाथ से खुदाई शुरू हुई। उस तरफ से भी एक मीटर खुदाई हो गई है। वहां 10 से 12 मीटर की और खुदाई होनी है।
बहरहाल, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के अपर सचिव महमूद अहमद ने बताया कि पहाड़ के ऊपर से खुदाई का काम भी तेजी से चल रहा है। सोमवार की शाम तक 36 मीटर वर्टिकल ड्रिलिंग कर ली गई थी। गौरतलब है कि वर्टिकल ड्रिलिंग मशीन से रविवार को ड्रिलिंग का काम शुरू हुआ था। ये मशीन 40 मीटर तक वर्टिकल ड्रिल कर सकती है। इसके बाद बड़ी मशीन काम करेगी। इसमें एक सौ घंटे का समय लग सकता है। यानी सब कुछ ठीक रहा तो 30 नवंबर को मजदूरों को निकाला जा सकेगा।
महमूद अहमद ने बताया कि अगर इस ड्रिलिंग में भी कोई सख्त चीज फंसती है तो उसे काटने के लिए मैग्नम कटर मशीन साइट पर मंगवा ली गई है। दूसरी ओर, सुरंग के भीतर सेना की इंजीनियरिंग कोर की 201 रेजिमेंट के 50 जवानों ने पाइप में फंसे ऑगर मशीन के शाफ्ट काटकर अलग कर दिए। अब मुंबई से बुलाए गए सात सीवेज एक्सपर्ट इन्हीं पाइप में जाकर हाथों से मलबा हटाकर रास्ता बनाने का काम कर रहे हैं। मलबे में मशीन के ब्लेड फंसने की वजह से हॉरिजॉन्टल ड्रिलिंग 24 नवंबर से बंद थी।
इस बीच सुरंग में फंसे लोगों को बचाने के लिए चल रहे काम का जायजा लेने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रधान सचिव पीके मिश्रा, गृह सचिव अजय भल्ला और उत्तराखंड के मुख्य सचिव एसएस संधू भी पहुंचे। पहले भी प्रधानमंत्री कार्यालय में काम कर चुके भास्कर खुल्बे बचाव कार्यों का जायजा लेने पहुंचे थे। वे अभी उत्तराखंड सरकार के साथ जुड़े हैं। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, वीके सिंह आदि भी बचाव कार्यों का जायजा ले चुके हैं।