नई दिल्ली। अमेरिका ने कहा है कि भारत में मानवाधिकार की स्थिति बहुत खराब है। अमेरिकी विदेश मंत्रालय की ओर से तैयार की गई इस रिपोर्ट में कई गैर सरकारी संगठनों की मान्यता रद्द किए जाने के हवाले कहा गया है कि भारत में मानवाधिकार संगठनों के लिए काम करना मुश्किल है। इसमें यह भी कहा गया है कि भारत में मीडिया की स्वतंत्रता खतरे में है। इस क्रम में बीबीसी के कार्यालय पर छापे का जिक्र किया गया है। अमेरिका की रिपोर्ट में गैर न्यायिक हत्याओं का जिक्र किया गया है और यह भी कहा गया है कि भारत में अभिव्यक्ति की आजादी नहीं है। राहुल गांधी की सांसदी समाप्त होने के हवाले से इस रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में लोगों को राजनीतिक प्रक्रिया में हिस्सा लेने से रोका जा रहा है।
भारत ने अमेरिका की इस रिपोर्ट को खारिज किया है और कहा है कि इससे पता चलता है कि अमेरिका को भारत के बारे में कितनी कम जानकारी और कितनी कम समझ है। मानवाधिकारों के उल्लंघन पर जारी अमेरिकी विदेश मंत्रालय की इस रिपोर्ट को भारत ने सिरे से खारिज कर दिया है। भारत ने 80 पन्नों की इस रिपोर्ट को गलत और भेदभावपूर्ण बताया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने गुरुवार को कहा- रिपोर्ट ये दिखाती है कि अमेरिका की भारत को लेकर समझ ठीक नहीं है। उन्होंने कहा- हम इस रिपोर्ट को कोई महत्व नहीं देते है और आप भी ऐसा ही करें।
अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन ने 22 अप्रैल को कई देशों में मानवाधिकारों से जुड़े कानूनों के पालन की स्थिति को लेकर एक रिपोर्ट जारी की थी। रिपोर्ट में चीन, ब्राजील, बेलारूस, म्यांमार के साथ भारत का भी जिक्र था। इसमें भारत को लेकर दावा किया था कि मणिपुर में मैती और कुकी समुदायों में फैली जातीय हिंसा फैलने के बाद मानवाधिकारों का हनन हुआ है। रिपोर्ट में कहा गया था कि भारत में तानाशाही बढ़ी है। अमेरिका की मानवाधिकार रिपोर्ट में भारत में रह रहे मुसलमानों को लेकर भी कई दावे किए गए हैं। इसमें कहा गया हैं कि भारत की भाजपा सरकार हिंदुस्तान में मुसलमानों के साथ भेदभाव कर रही है। भारत में अल्पसंख्यकों पर हुए हमलों में भी बढ़ोतरी हुई है।
रिपोर्ट में मोदी सरकार पर पत्रकारों को चुप करवाकर जेल भेजने की कोशिश करने की बात कही गई है। इसके अलावा कहा गया है कि जम्मू कश्मीर के लोगों की अभिव्यक्ति की आजादी का हनन हो रहा है। लोगों को शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन करने नहीं दिया जा रहा है। अमेरिका की मानवाधिकार रिपोर्ट में बीबीसी के मुंबई और दिल्ली ऑफिस पर हुए छापे का भी जिक्र है। रिपोर्ट में बताया गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर डॉक्यूमेंटरी रिलीज करने के बाद बीबीसी पर छापा मारा गया। इस रिपोर्ट में विपक्ष के नेताओं पर कार्रवाई का जिक्र किया गया है और कहा गया है कि भारत में लोगों को राजनीतिक प्रक्रिया में शामिल होने से रोका जा रहा है।