नई दिल्ली। संघ लोक सेवा आयोग यानी यूपीएससी के अध्यक्ष मनोज सोनी ने इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने कहा है कि वे निजी कारणों से इस्तीफा दे रहे हैं। दसरी ओर मुख्य विपक्षी कांग्रेस पार्टी ने उनके ऊपर यूपीएससी जैसी संवैधानिक संस्था को कमजोर करने का आरोप लगाया है और यह भी दावा किया कि विवादों की वजह से मनोज सोनी को हटाया गया है। हालांकि खबरों में बताया जा रहा है कि मनोज सोनी ने दो हफ्ते पहले ही इस्तीफा दे दिया था और हाल के विवादों से उनके इस्तीफे का कोई लेना देना नहीं है।
बहरहाल, मनोज सोनी ने निजी कारणों का हवाला देते हुए इस्तीफा दिया है और कहा है कि इस्तीफे के बाद सामाजिक और धार्मिक कामों पर ध्यान देंगे। उन्होंने दो हफ्ते पहले अपना इस्तीफा कार्मिक विभाग को भेजा था, इसकी जानकारी शनिवार, 20 जुलाई को सामने आई। उनका कार्यकाल मई 2029 तक था। उन्होंने 16 मई 2023 को यूपीएससी के अध्यक्ष के रूप में शपथ ली थी। इससे पहले वे छह साल तक यूपीएससी के सदस्य थे। इस्तीफे की जानकारी आने के बाद मनोज सोनी ने कहा है कि उनका इस्तीफा ट्रेनी आईएएस पूजा खेडकर के विवादों और आरोपों से किसी भी तरह से जुड़ा नहीं है।
दूसरी ओर कांग्रेस के संचार विभाग के प्रमुख जयराम रमेश ने यूपीएससी के अध्यक्ष के इस्तीफे पर कहा है कि उन्हें यूपीएससी से जुड़े विवादों के बीच पद से हटाया गया है। उन्होंने कहा कि 2014 से अब तक लगातार इस संवैधानिक निकाय की शुचिता बुरी तरह प्रभावित हुई है। गौरतलब है कि पिछले कुछ दिनों से ट्रेनी आईएएस पूजा खेडकर और आईएएस अभिषेक सिंह सहित कई अधिकारियों को लेकर विवाद चल रहा है। बताया जा रहा है कि कई लोगों को फर्जी सर्टिफिकेट के आधार पर दिव्यांगता या नॉन क्रीमी लेयर या ईडब्लुएस का फायदा मिला है।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी इसे बड़ा मुद्दा बताया और कहा कि यह बेहद परेशान करने वाली बात है कि यूपीएससी अध्यक्ष ने अपने कार्यकाल खत्म होने से पांच साल पहले ही इस्तीफा दे दिया पर एक महीने तक इसे क्यों गुप्त रखा गया। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा- क्या कई घोटालों और इस्तीफे के बीच कोई संबंध है? सोनी की यूपीएससी में नियुक्ति को लेकर पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए खड़गे ने कहा कि पीएम ने इस पसंदीदा व्यक्ति को गुजरात से ले आए और प्रमोशन देकर अध्यक्ष भी बना दिया।