लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में तबादला नीति 2024-25 को मंजूरी दे दी गई है। लोकसभा चुनाव के बाद योगी कैबिनेट की पहली बैठक हुई। इसमें नई तबादला नीति समेत 41 प्रस्तावों पर मुहर लगी है। इसमें से 26 प्रस्ताव जल संसाधन मंत्रालय के हैं। सरकार की यह पहली पेपरलेस कैबिनेट बैठक रही। सभी मंत्री टैबलेट के साथ पहुंचे। उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक (Brijesh Pathak) ने बताया कि सरकार ने नई तबादला नीति को मंजूरी दे दी है। इस नीति के तहत 30 जून तक ट्रांसफर हो सकेंगे।
उन्होंने बताया कि ऐसे कर्मचारी जो जिले में 3 साल, मंडल में 7 साल का कार्यकाल पूरा कर चुके हैं, उन्हें ट्रांसफर की कैटेगरी में शामिल किया जाएगा। समूह क और ख के 20 प्रतिशत अधिकारियों का तबादला हो सकता है। समूह ग और घ के 10 फीसद कर्मचारियों का ट्रांसफर विभाग अध्यक्ष करेंगे। इससे ज्यादा संख्या में ट्रांसफर के लिए मंत्री की अनुमति अनिवार्य होगी। पहले उन कर्मचारियों का तबादला किया जाएगा, जो लंबे समय से एक ही जगह पर तैनात हैं। कैबिनेट मंत्री स्वतंत्र देव सिंह (Swatantra Dev Singh) ने कहा कि बुंदेलखंड क्षेत्र की 50 में से 26 परियोजनाओं को स्वीकृति दी गई है, जिनकी कुल लागत 10858 करोड़ रुपये है। इसमें 1394 करोड़ रुपये की वृद्धि की गई है। दो महीने में सभी परियोजनाओं को पूरा कर दिया जाएगा।
उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय (Yogendra Upadhyay) ने बताया कि निजी विश्वविद्यालय को प्रमोट करना और हर मंडल में एक सरकारी विश्वविद्यालय को मंजूरी दी गई है। विश्वविद्यालय के नाम से राज्य हटा कर नाम छोटा कर दिया गया है। मुरादाबाद विवि का नाम गुरु जम्भेश्वर विश्वविद्यालय किया गया है। बरेली में हरित गाजियाबाद और फ्यूचर विश्वविद्यालय खोले जाएंगे। इसके अलावा यूपी के सभी ग और घ यानि ग्रुप सी और डी कर्मियों के तबादले मानव संपदा पोर्टल के जरिए होंगे। वेतन वृद्धि से एक दिन पहले रिटायर होने वाले राज्य कर्मचारियों को वेतन वृद्धि का लाभ मिलेगा।
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