नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल को जमानत मिलते मिलते रह गई। अंतरिम जमानत की शर्तें तय करने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने फैसला टाल दिया। अब इस पर नौ मई को सुनवाई होगी। हो सकता है कि यह मामला अगले हफ्ते तक के लिए भी टल जाए। गौरतलब है कि केजरीवाल ने अपनी गिरफ्तारी को गैरकानूनी बता कर उसे चुनौती दी है। सुप्रीम कोर्ट में इस पर सुनवाई चल रही है। पिछले हफ्ते सर्वोच्च अदालत ने कहा था कि इस मामले की सुनवाई में समय लग सकता है लेकिन वह चुनाव प्रचार की जरुरत को देखते हुए केजरीवाल की अंतरिम जमानत पर सुनवाई कर सकती है।
अदालत ने अंतरिम जमानत पर सुनवाई के लिए सात मई की तारीख तय की थी। सात मई यानी मंगलवार को शराब नीति से जुड़े घोटाले के मामले में केजरीवाल की अंतरिम जमानत पर सुनवाई हुई लेकिन फैसला सुनाए बिना सुप्रीम कोर्ट की बेंच उठ गई। सुबह साढ़े 10 बजे सुनवाई शुरू होने के बाद लंच से पहले तक कोर्ट ने जमानत की शर्तें तय कर ली थीं। लेकिन तभी ईडी ने कहा कि केजरीवाल के वकील को तीन दिन सुना गया इसलिए उसे भी पर्याप्त समय दिया जाए। इसके बाद अदालत ने फैसला टाल दिया।
इससे पहले सर्वोच्च अदालत की जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की बेंच ने सुनवाई के दौरान ईडी से कहा कि केजरीवाल आदतन अपराधी नहीं हैं। अदालत ने यह भी कहा कि अभूतपूर्व स्थिति है। चुनाव चल रहे हैं और दिल्ली का चुना हुआ मुख्यमंत्री जेल में बंद है। अदालत ने कहा कि चुनाव पांच साल में एक बार आते हैं। इसके बाद अदालत ने केजरीवाल की अंतरिम जमानत की शर्तें तय करते हुए कहा- हम आपको जमानत दे देते हैं तो आप आधिकारिक कामकाज नहीं करेंगे। हम नहीं चाहते कि आप सरकार में दखलअंदाजी करें। इसके बाद अदालत ने कहा- अगर चुनाव नहीं होते तो अंतरिम जमानत का सवाल ही नहीं उठता था।
इस पर केजरीवाल के वकील अभिषेक सिंघवी ने कहा- हम किसी फाइल पर साइन नहीं करेंगे। शर्त है कि उप राज्यपाल किसी भी काम को इस आधार पर ना रोकें कि फाइल पर साइन नहीं है। ऐसा कुछ नहीं बोलूंगा, जो नुकसान पहुंचाने वाला हो। दूसरी ओर सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने अंतरिम जमानत का विरोध करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री और आम आदमी में फर्क किया जाना सही नहीं है। राजनेताओं के लिए अलग श्रेणी न बनाएं। जनता के बीच गलत संदेश जाएगा।
लंच के पहले ऐसा लग रहा था कि केजरीवाल को जमानत मिल जाएगी। लेकिन लंच के बाद जस्टिस खन्ना ने कहा- फिलहाल हम देखते हैं कि दलीलें खत्म होती हैं या नहीं। अगर नहीं तो परसों यानी नौ मई की डेट देंगे। अगर संभव नहीं हुआ तो अगले हफ्ते की तारीख देंगे। उधर, दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने भी केजरीवाल की न्यायिक हिरासत 20 मई तक बढ़ा दी है। कोर्ट ने 23 अप्रैल को अरविंद केजरीवाल की न्यायिक हिरासत सात मई तक बढ़ाई थी। गौरतलब है कि 21 मार्च को केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद 22 मार्च को राउज एवेन्यू कोर्ट में पेशी हुई, जहां से उन्हें 28 मार्च तक ईडी की रिमांड पर भेजा गया। इसके बाद अदालत ने उन्हें तीन दिन के लिए और ईडी की रिमांड में भेजा था। एक अप्रैल से वे तिहाड़ जेल में हैं।