नई दिल्ली। मेडिकल में दाखिले के लिए हुई नीट-यूजी की परीक्षा के पेपर लीक होने और इसकी सीबीआई की जांच कराने की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को सुनवाई की। सर्वोच्च अदालत इस मामले में नोटिस जारी करके नेशनल टेस्टिंग एजेंसी, एनटीए को दो हफ्तों के अंदर इस पर अपना पक्ष रखने को कहा है। इस मामले पर आठ जुलाई को अगली सुनवाई होगी। इससे पहले 1,563 छात्रों को ग्रेस मार्क्स देने के मामले में सुनवाई हुई थी, जिसमें एनटीए ने सभी छात्रों के ग्रेस मार्क्स हटाने और उनके लिए दोबारा परीक्षा आयोजित करने की बात अदालत से कही।
बहरहाल, पेपर लीक की सीबीआई जांच की मांग करने वाली याचिका दायर करने वालों का कहना है कि कुछ चुनिंदा सेंटर्स पर परीक्षा के लिए छात्रों ने 10-10 लाख रुपए घूस दिए। इस सिलसिले में गुजरात के एक सेंटर पर परीक्षा कार्य में लगे शिक्षकों सहित पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है। दावा किया गया है कि गिरफ्तार शिक्षक के पास दो दर्जन से ज्यादा छात्रों का ब्योरा मिला है। इस आधार पर मामले की सीबीआई जांच की मांग की गई है।
इस बीच शुक्रवार को कुछ छात्र और अभिभावकों ने शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से मुलाकात की। इस दौरान धर्मेंद्र प्रधान ने भरोसा दिया कि जांच में किसी भी तरह की कोताही नहीं बरती जाएगी। उन्होंने कहा- सरकार पारदर्शी प्रक्रिया के लिए प्रतिबद्ध है। कोर्ट के सामने पारदर्शिता से बात रखेंगे। कोर्ट जो भी आदेश देगा, उसका पालन करेंगे। प्रधान ने कहा कि परीक्षा अच्छी हुई है, एक-दो जगह की घटना सामने आई है, इसकी जांच चल रही है। ये सब कोर्ट के संज्ञान में है। कोर्ट जो भी कहेगा, हम करेंगे।
गौरतलब है कि नीट-यूजी को लेकर सुप्रीम कोर्ट और अलग अलग उच्च अदालतों में 41 याचिका दायर की गई है। छात्रों ने मध्य प्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश सहित सात राज्यों के हाई कोर्ट में नीट में गड़बड़ियों को लेकर याचिकाएं दायर की हैं। इन्हें लेकर एनटीए ने कहा है कि अलग-अलग कोर्ट के अलग-अलग फैसला सुनाने से छात्रों में भ्रम फैल सकता है। इसलिए सभी मामले सुप्रीम कोर्ट में ट्रांसफर किए जाएं।