नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग में दो आयुक्तों की नियुक्ति पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। सर्वोच्च अदालत ने दो नए चुनाव आयुक्तों ज्ञानेश कुमार और सुखबीर सिंह संधू की नियुक्ति पर रोक लगाने वाली याचिका गुरुवार को खारिज कर दी। साथ ही अदालत ने कहा कि 2023 का फैसला नहीं कहता कि चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति के लिए चयन समिति में न्यायिक सदस्य होना चाहिए। गौरतलब है कि इस मामले में अपने जवाब में केंद्र सरकार ने भी यही बात कही थी।
बहरहाल, जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस संजीव खन्ना की बेंच ने कहा कि वह चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति के कानून पर फिलहाल रोक नहीं लगा सकती, क्योंकि इससे अव्यवस्था फैल जाएगी। नए चुनाव आयुक्तों के खिलाफ भी कोई आरोप नहीं हैं। हालांकि कोर्ट ने कानून को चुनौती देने वाली मुख्य याचिकाओं की जांच करने का भरोसा दिया है। बेंच ने केंद्र सरकार से पूछा कि चयन समिति को उम्मीदवारों के नाम पर विचार करने के लिए वक्त क्यों नहीं दिया गया। कोर्ट ने चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति के लिए पिछले साल बने कानून की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सरकार से छह हफ्ते में जवाब मांगा है। मामले की अगली सुनवाई पांच अगस्त को होगी।
इससे पहले केंद्र सरकार ने एक दिन पहले बुधवार को हलफनामा दायर किया था। सरकार ने कहा था कि ये दलील गलत है कि किसी संवैधानिक संस्था की स्वतंत्रता तभी होगी, जब चयन समिति में कोई न्यायिक सदस्य होगा। सरकार ने कहा था कि चुनाव आयोग एक स्वतंत्र संस्था है। गौरतलब है कि सरकार ने कानून पिछले साल शीतकालीन सत्र में पास किया था और 14 मार्च को उस कानून के तहत दो आयुक्तों की नियुक्ति हुई। सरकार के इस कानून को कांग्रेस नेया जया ठाकुर और गैर सरकारी संस्था एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स यानी एडीआर ने दायर किया है।