नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव के नतीजों के दिन यानी मंगलवार को शेयर बाजार में भारी गिरावट हुई। बाजार चार हजार से ज्यादा अंकों की गिरावट के साथ बंद हुआ। लोकसभा चुनाव के नतीजों में भाजपा के पिछड़ने और बहुमत से दूर रह जाने की वजह से बाजार बुरी तरह टूटा। चार जून को बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज यानी बीएसई का 30 शेयरों वाला संवेदी सूचकांक 4389 अंक यानी 5.74 फीसदी की गिरावट के साथ 72,079 के स्तर पर बंद हुआ। वहीं, निफ्टी में भी 1,379 अंक यानी 5.93 फीसदी की गिरावट रही, ये 21,884 के स्तर पर बंद हुआ।
बीएसई के 30 शेयरों में से 25 में गिरावट और पांच शेयरों में तेजी रही। एनटीपीसी और भारतीय स्टेट बैंक के शेयरों में करीब 15 फीसदी की गिरावट रही। शनिवार को आए एक्जिट पोल के नतीजों के बाद पहली बार बाजार खुला तो सोमवार को जबरदस्त तेजी रही थी और बाजार करीब दो हजार अंक ऊपर गया था। शेयरधारकों को 13 लाख करोड़ रुपई की कमाई हुई थी लेकिन अगले ही दिन मंगलवार को सारी कमाई डूब गई। माना जा रहा है कि राजनीतिक स्थिरता आने के बाद ही बाजार भी स्थिर होगा।
सोमवार को जब शेयर बाजार में तेजी थी तब सरकारी बैंकों के शेयर बहुत ऊपर गए थे। लेकिन मंगलवार को सरकारी बैंकों के शेयर में भारी गिरावट हुई। निफ्टी पीएसयू बैंक सूचकांक 15.14 फीसदी गिरा। बहरहाल, शेयर बाजार में तेज बिकवाली से निवेशकों को भारी नुकसान हुआ। मंगलवार, चार जून को उनकी संपत्ति लगभग 31 लाख करोड़ रुपए कम हो गई। बीएसई में सूचबद्ध कंपनियों का ओवरऑल मार्केट कैप 395 लाख करोड़ रुपए हो गया। एक दिन पहले यह लगभग 426 लाख करोड़ था। कोरोना के समय मई 2020 में हुई गिरावट के बाद ये बाजार की सबसे बड़ी गिरावट है।