अयोध्या। श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में रामलला की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान के तीसरे दिन गुरुवार को रामलला की प्रतिमा को गर्भगृह में बने आसन पर रख दिया गया। कारीगरों ने मूर्ति को आसन पर खड़ा किया। इस पूरी प्रक्रिया में चार घंटे का समय लगे। गौरतलब है कि प्राण प्रतिष्ठा का अनुष्ठान 16 जनवरी से शुरू हुए था और 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। बताया जा रहा है कि प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान में भाग लेने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक दिन पहले यानी 21 जनवरी को अयोध्या पहुंच सकते हैं।
इस बीच दूसरी ओर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को लेकर विवाद भी चल रहा है। ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा है कि मुख्य वेदी पर रामलला विराजमान की ही प्राण प्रतिष्ठा होनी चाहिए। स्वयंभू प्रतिमा की जगह दूसरी मूर्ति स्थापित नहीं की जा सकती। वे पहले भी सवाल पूछ रहे थे कि रामलला की जिस प्रतिमा की पहले पूजा होती थी यानी जो रामलला विराजमान थे उस प्रतिमा का क्या होगा।
बहरहाल, बताया जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्राण प्रतिष्ठा से एक दिन पहले यानी 21 जनवरी को अयोध्या पहुंच सकते हैं। बताय जा रहा है कि सुबह कोहरा होता है और प्रधानमंत्री को हर हाल में सुबह 11 बजे तक राममंदिर परिसर में पहुंचना है। इस वजह से प्रधानमंत्री का एक दिन पहले आने का कार्यक्रम बन रहा है। हालांकि, प्रशासन की तरफ से इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है।
इस बीच गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या के राम मंदिर पर स्मारक डाक टिकट और दुनिया भर के देशों द्वारा जारी भगवान राम को समर्पित टिकटों की एक पुस्तक जारी की। गुरुवार को जारी किए गए छह स्मारक टिकटों में अयोध्या में राम मंदिर, भगवान गणेश, भगवान हनुमान, जटायु, केवटराज और मां शबरी शामिल हैं। ये सभी भगवान राम की कथा से जुड़े प्रमुख व्यक्ति और प्रतीक हैं।