श्रीनगर। जम्मू कश्मीर के राजौरी में 22 नवंबर को आतंकवादियों के साथ शुरू हुई मुठभेड़ में शहीद होने वाले सैनिकों की संख्या पांच हो गई है। बुधवार को कैप्टेन रैंक के दो अधिकारियों सहित चार सैनिक शहीद हुए थे। गुरुवार को मुठभेड़ में एक और जवान शहीद हो गया। इस बीच सुरक्षा बलों ने दो आतंकवादियों को मार गिराया। मारे गए आतंकवादियों में एक लश्कर ए तैयबा का टॉप कमांडर था। दोनों आतंकवादी गुरुवार को मारे गए।
सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में मारे गए एक आतंकवादी का नाम कारी है। रक्षा विभाग की ओर से बताया गया है कि कारी पाकिस्तानी नागरिक था। उसे पाकिस्तान और अफगानिस्तान मोर्चे पर प्रशिक्षित किया गया था। दूसरे आतंकवादी की जानकारी अभी सामने नहीं आई है। कारी लश्कर ए तैयबा का टॉप कमांडर था और पिछले एक साल से अपने ग्रुप के साथ राजौरी-पुंछ में सक्रिय था। उसे डांगरी और कंडी हमलों का मास्टरमाइंड भी माना जाता है। बताया जा रहा है कि कारी को जम्मू में आतंकवाद को दोबारा फैलाने के लिए भेजा गया था। वह आईईडी में विशेषज्ञ था और गुफाओं से छिपकर काम करने वाला ट्रेंड स्नाइपर भी रहा था।
बहरहाल, बुधवार को मुठभेड़ में जान गंवाने वालों में कैप्टन रैंक के दो अधिकारी शुभम और एमवी प्रांजिल थे। कैप्टन एमवी प्रांजिल का शव गुरुवार की शाम बेंगलुरु भेजा गया। बताया जा रहा है कि धर्मसाल के बाजीमाल इलाके में आतंकवादियों के छिपे होने की सूचना पर सेना और जम्मू कश्मीर पुलिस ने बुधवार को तलाश अभियान शुरू किया था। इसी दौरान जंगल में छिपे आतंकवादियों ने उन पर फायरिंग शुरू कर दी। इससे पहले सेना की ओर से बताया गया था कि 19 नवंबर को कालाकोट इलाके के गुलाबगढ़ जंगल में आतंकवादियों के छिपे होने की जानकारी मिली थी। इसके बाद से इलाके में लगातार तलाश अभियान चलाया जा रहा था। गुरुवार की देर शाम तक मुठभेड़ जारी थी।