नई दिल्ली। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने सोमवार को केंद्र सरकार पर हिंदुस्तान को अभिमन्यु की तरह चक्रव्यूह में फंसाने का आरोप लगाया। और कहा कि इंडिया गठबंधन इस चक्रव्यूह को तोड़ेगा।बजट पर चर्चा में बोलते हुए उन्होने कहां कि इस बजट में चंद पूंजीपतियों के एकाधिकार और लोकतांत्रिक ढांचे को नष्ट करने वाले राजनीतिक एकाधिकार को मबजूती प्रदान की गई है, जबकि युवाओं, किसानों तथा मध्य वर्ग को नजरअंदाज कर दिया गया है।
नेता प्रतिपक्ष ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘हजारों साल पहले कुरुक्षेत्र में अभिमन्यु को चक्रव्यूह में छह लोगों ने फंसा कर मारा था। उनके नाम द्रोणाचार्य, कर्ण, अश्वत्थामा, कृपाचार्य, कृतवर्मा और शकुनी हैं। आज भी चक्रव्यूह रचने वाले छह लोग हैं।…‘‘21वीं सदी में एक और चक्रव्यूह तैयार किया गया है… जो अभिमन्यु के साथ हुआ, वही हिंदुस्तान के साथ किया जा रहा है।…उन्होने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के अलावा चार और लोगों का नाम लिया, जिस पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने आपत्ति जताते हुए कहां, ‘‘आप नेता प्रतिपक्ष हैं…आपकी पार्टी के उप नेता (गौरव गोगोई) ने लिखकर दिया है कि जो सदन का सदस्य नहीं है, उसका नाम नहीं लिया जाना चाहिए।’’
इसके बाद राहुल गांधी ने देश के प्रमुख उद्योगपतियों को ‘ए 1’ और ‘ए 2’ कहकर संबोधित किया। राहुल गांधी ने कहाचक्रव्यूह का दूसरा नाम है- ‘पद्मव्यूह’, जो कमल के फूल के आकार का होता है। इसके अंदर डर और हिंसा होती है।’’
उन्होंने दावा किया कि जिस तरह से अभिमन्यु को चक्रव्यूह में फंसाया गया था उसी तरह हिंदुस्तान को फंसा दिया गया है। कांग्रेस नेता ने कहा कि ‘इंडिया’ गठबंधन इस चक्रव्यूह को तोड़ेगा। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि यह देश चक्रव्यूह को पसंद नहीं करता है, ‘शिवजी की बारात’ पसंद करता है जिसमें सभी लोग शामिल हो सकते हैं। राहुल गांधी ने ‘अग्निपथ’ योजना का उल्लेख करते हुए आरोप लगाया, ‘‘सेना के जवानों को अग्निपथ के चक्रव्यूह में फंसाया गया। बजट में अग्निवीरों को पेंशन के लिए रुपया नहीं दिया गया।’’
उनके भाषण के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष ने राष्ट्रीय सुरक्षा जैसे संवेदनशील विषय पर बात की है और अग्निवीरों को लेकर भ्रांति फैलाने का काम किया है। राहुल गांधी ने बजट का हवाला देते हुए दावा किया, ‘‘जिस चक्रव्यूह ने भारत को अपने गिरफ्त में ले लिया है उसके पीछे तीन ताकतें हैं। पहली एकाधिकार वाली पूंजी का विचार है कि दो लोगों को संपूर्ण भारतीय संपत्ति का मालिक बनने दिया जाना चाहिए।’’ उनका कहना था कि दूसरी ताकत इस देश की संस्थाएं, एजेंसियां, सीबीआई, ईडी, आयकर विभाग हैं और तीसरी ताकत राजनीतिक कार्यपालिका है। राहुल गांधी ने कहा कि इन तीनों ताकतें चक्रव्यूह के केंद्र में हैं और उन्होंने इस देश को तबाह कर दिया है।
राहुल गांधी ने बजट से पहले की हलवा वाली रस्म का हवाला देते हुए आरोप लगाया कि इस सरकार में दो-तीन प्रतिशत लोग ही हलवा तैयार कर रहे हैं और उतने ही लोग हलवा खा रहे हैं तथा शेष हिंदुस्तान को यह नहीं मिल रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘वित्त मंत्री जी ने बजट में इंटर्नशिप कार्यक्रम की बात की। यह एक मजाक है, क्योंकि आपने कहा कि इंटर्नशिप कार्यक्रम देश की 500 बड़ी कंपनियों में होगा। 99 प्रतिशत युवाओं का इस कार्यक्रम से कोई लेना-देना नहीं है।’’
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने पेपर लीक के विषय का उल्लेख करते हुए कहा, ‘‘सच्चाई ये है कि आपने (सरकार) बेरोजगारी और पेपर लीक का चक्रव्यूह बना दिया है। युवाओं के लिए पेपरलीक आज सबसे बड़ा मुद्दा है, लेकिन बजट में इसकी बात नहीं की गई। इसके उलट आपने शिक्षा का बजट घटा दिया है।’’