नई दिल्ली। कांग्रेस कार्यसमिति ने सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से आग्रह किया है कि वह लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी संभालें। निचले सदन में पार्टी का नेता ही नेता प्रतिपक्ष होगा। कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव में 99 सीट जीती हैं।
पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडगे की अध्यक्षता में हुई विस्तारित सीडब्ल्यूसी की बैठक में एक प्रस्ताव पारित किया गया जिसमें लोकसभा चुनाव के दौरान खरगे, पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी के ‘जोरदार प्रचार अभियान’ के लिए उनकी सराहना की गई। इसमें ‘इंडिया’ गठबंधन के सहयोगी दलों को भी धन्यवाद दिया गया।
पार्टी महासचिव वेणुगोपाल ने संवाददताओं से कहा कि कार्यसमिति ने सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर आग्रह किया कि राहुल गांधी नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी संभालें। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने कार्य समिति के सदस्यों के विचार सुने और कहा कि वह इस बारे में जल्द फैसला करेंगे। वेणुगोपाल ने कहा, ‘‘चुनाव के दौरान हमने बेरोजगारी, महंगाई, महिलाओं के मुद्दे और सामाजिक न्याय जैसे कई महत्वपूर्ण मुद्दे उठाए। इन मुद्दों को अब संसद के अंदर अधिक प्रभावी ढंग से उठाने की आवश्यकता है। संसद में इस अभियान का नेतृत्व करने के लिए राहुल जी सर्वश्रेष्ठ व्यक्ति हैं।’’
कार्य समिति की बैठक में उन राज्यों के परिणाम को लेकर भी चर्चा की गई जहां पार्टी का प्रदर्शन निराशाजनक रहा है।कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा, ‘‘जिन राज्यों में हमारा प्रदर्शन उम्मीद के अनुसार नहीं रहा है, उनकी समीक्षा के लिए समिति का गठन किया जाएगा। समिति अपनी रिपोर्ट कांग्रेस अध्यक्ष को सौंपेगी।’’
कार्य समिति ने देश के लोगों का आभार जताते हुए कहा कि जनता ने कांग्रेस में नयी जान फूंक दी है और पार्टी अब पुनरुत्थान के मार्ग पर मज़बूती से अग्रसर है।कार्यसमिति द्वारा पारित प्रस्ताव में कहा गया है, ‘‘देश की जनता ने पिछले एक दशक के दौरान शासन की प्रकृति और शैली दोनों को निर्णायक रूप से नकार दिया है। लोकसभा चुनाव का ये जनादेश न केवल प्रधानमंत्री की राजनीतिक हार है, बल्कि उनकी नैतिक हार भी है।’’