धनबाद/बोकारो। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने झारखंड में अपनी भारत जोड़ो न्याय यात्रा के तीसरे दिन दावा किया है कि उनकी पार्टी जल, जंगल और आदिवासियों के अधिकारों की लड़ाई लड़ेगी। उन्होंन कहा कि कांग्रेस पार्टी आदिवासियों के अधिकारियों के साथ साथ युवाओं के रोजगार के लिए लड़ रही है। उनकी यात्रा झारखंड के इस्पात शहर बोकारो पहुंची तो कांग्रेस ने झारखंड के उद्योगों की ओर से इशारा करके कहा कि ये पंडित जवाहरलाल नेहरू के बनाए स्मारक हैं। राहुल ने रविवार को धनबाद जिले में एक रोडशो किया और एक जनसभा को संबोधित किया।
धनबाद जिले के टुंडी में शनिवार को रात्रि विश्राम के बाद राहुल की यात्रा रविवार को धनबाद शहर के गोविंदपुर से शुरू हुई। उन्होंने अपनी यात्रा के दौरान लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों को निजी पक्षों को बेचने से बचाना और देश के नौकरीपेशा युवाओं और आदिवासियों के लिए न्याय सुनिश्चित करना है। उन्होंने कहा- कांग्रेस पार्टी आदिवासी लोगों के जल, जंगल, जमीन के लिए खड़ी है और युवाओं की शिक्षा और रोजगार के लिए काम करती है। आर्थिक असंतुलन, नोटबंदी, जीएसटी और बेरोजगारी ने देश के युवाओं का भविष्य बरबाद कर दिया है।
धनबाद में गोविंदपुर से शुरू हुई राहुल की यात्रा सरायढेला, आईआईटी-आईएसएम गेट, रणधीर वर्मा चौक, रेलवे स्टेशन के नजदीक श्रमिक चौक से गुजरी और बैंक मोड़ पहुंची, जहां राहुल गांधी ने एक जनसभा को संबोधित किया। इसके बाद यात्रा बोकारो जिले की ओर बढ़ी। इस दौरान कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने बताया कि बोकारो इस्पात शहर के नाम से भी प्रसिद्ध है। रमेश ने कहा- ये पंडित जवाहरलाल नेहरू द्वारा बनाए स्मारक हैं। लोग कहते हैं कि हमने 70 वर्षों में क्या किया… भिलाई, राउरकेला, दुर्गापुर, भाखड़ा नांगल, बोकारो, धनबाद, बरौनी, सिंदरी ये सभी भारत के आर्थिक विकास के स्मारक हैं।
बहरहाल, बोकारो में दोपहर के भोजन के लिए रुकने के बाद यात्रा जेना मोड़ से फिर शुरू हुई और रामगढ़ पहुंची। राहुल गांधी की यात्रा रविवार की रात को रामगढ़ जिले में रूकी। कांग्रेस की यह यात्रा यात्रा दो चरणों में आठ दिन तक राज्य के 13 जिलों में 804 किलोमीटर की दूरी तय करेगी। राहुल गांधी की यह यात्रा 14 जनवरी को मणिपुर से शुरू हुई थी और 67 सौ किलोमीटर से ज्यादा की दूरी तय करके 29 मार्च को मुंबई में खत्म होगी।