पेपर लीक को रोकने के लिए केंद्र सरकार ने लोक परीक्षा कानून 2024 लागू कर दिया है। इस साल फरवरी में यह कानून पारित हुआ था। सरकार ने कानून की अधिसूचना जारी कर दी है। आपको बता दें कि इसी साल फरवरी में पब्लिक एग्जामिनेशन (Prevention of Unfair Means) एक्ट 2024 के नाम से इस एंटी पेपर लीक लॉ को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंजूरी दी थी।
दरअसल इन दिनों नेट और नीट पेपर लीक को लेकर देश में हंगामा मचा हुआ है। ऐसे में यह कानून लागू करके सरकार ने बड़ा संदेश देने की कोशिश की है। हालांकि यह कानून सरकार ने फरवरी में ही पारित करा लिया था। उस दौरान भी राजस्थान में शिक्षक भर्ती परीक्षा, हरियाणा में ग्रुप-डी पदों के लिए सामान्य पात्रता परीक्षा (CET), गुजरात में जूनियर क्लर्क के लिए भर्ती और बिहार में कांस्टेबल भर्ती परीक्षा सहित कई पेपर लीक्स के मामले सामने आए थे।
इस अधिनियम के तहत अपराधियों के लिए अधिकतम 10 साल की जेल की सजा और एक करोड़ रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने लगभग चार महीने पहले अधिनियम को मंजूरी दी थी, जिसके बाद कार्मिक मंत्रालय ने शुक्रवार रात एक अधिसूचना जारी की, जिसमें कहा गया कि कानून के प्रावधान लागू हो गए हैं। एंटी-पेपर लीक लॉ उन परीक्षाओं में गड़बड़ी करने वालों पर नकेल कसेगा, जिसे पब्लिक एग्जामिनेशन अथॉरिटी आयोजित करवाती है। या फिर वो अथॉरिटी जिसे केंद्र से मान्यता मिली हुई है। इसमें यूपीएससी, एसएससी, इंडियन रेलवेज, बैंकिंग और एनटीए द्वारा आयोजित सारे कंप्यूटर-बेस्ट एग्जाम शामिल हैं।
UGC-NET, 2024 परीक्षा के प्रश्नपत्र लीक होने को लेकर जारी विवाद के बीच यह कदम महत्वपूर्ण माना जा रहा है। सीबीआई ने राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (NTA) द्वारा आयोजित परीक्षा का प्रश्नपत्र लीक होने की जांच के लिए गुरुवार को मामला दर्ज किया था। विपक्षी दलों ने मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट-यूजी में भी अनियमितताओं का आरोप लगाया है, जिसके परिणाम एनटीए ने चार जून को घोषित किए थे।
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