नई दिल्ली। ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने सोमवार को राजधानी दिल्ली में चुनाव आयोग के कार्यालय के बाहर धरना दिया। तृणमूल के सांसदों और कुछ अन्य नेताओं ने प्रदर्शन किया और केंद्रीय जांच एजेंसियों के प्रमुखों को उनके पद से हटाने की मांग की।
ममता की पार्टी के सांसदों ने आरोप लगाया है कि केंद्र की भाजपा सरकार सीबीआई, ईडी और एनआईए का दुरुपयोग कर रही है। असल में तृणमूल सांसदों का एक प्रतिनिधिमंडल चुनाव आयोग से मिलने गया था लेकिन बाद में सारे सांसद निर्वाचन आयोग के कार्यालय के बाहर धरने पर बैठ गए। बाद में पुलिस सभी सांसदों और नेताओं को हिरासत में ले लिया।
तृणमूल कांग्रेस के 10 सदस्यों का एक प्रतिनिधिमंडल चुनाव आयोग से मिलने पहुंचा था। इनमें से पांच सांसद थे। डेरेक ओ ब्रायन, नदीमुल हक, डोला सेन साकेत गोखले और सागरिका घोष प्रतिनिधिमंडल में शामिल थे। इनके साथ पूर्व सासंद अर्पिता घोष, शांतनु सेन और अबीर रंजन विश्वास, विधायक विवेक गुप्ता और तृणमूल कांग्रेस के युवा नेता सुदीप राहा भी धरने में शामिल हुए।
तृणमूल की सांसद डोला सेना ने कहा कि भाजपा केंद्रीय जांच एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है और विपक्षी नेताओं को झूठे केस में फंसा रही है। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग को इन एजेंसियों के प्रमुखों को तुरंत पद से हटा देना चाहिए ताकि लोकसभा चुनाव में सभी पार्टियों को समान अवसर मिल सके।
डोला सेन ने यह आरोप भी लगाया कि भाजपा चुनाव से पहले तृणमूल नेताओं को गिरफ्तार कराना चाहती है। चुनाव आयोग से मिलने गए पार्टी ममता की पार्टी के नेताओं ने जलपाईगुड़ी में आए तूफान से प्रभावितों की मदद करने की अनुमति भी मांगी ताकि उनके मकान बनवाए जा सकें।
तृणमूल कांग्रेस के इस प्रदर्शन के बीच भाजपा ने उसके ऊपर निशाना साधा। भाजपा के महासचिव अरुण सिंह ने कहा- जनता जानती है कि तृणमूल कांग्रेस लोकतंत्र को बचाने के लिए नहीं, बल्कि शाहजहां शेख को बचाने के लिए प्रदर्शन कर रही है। गौरतलब है कि शाहजहां शेख तृणमूल कांग्रेस का नेता रह चुका है। उस पर संदेशखाली में ईडी पर हमले और महिलाओं से यौन उत्पीड़न का आरोप है। 29 फरवरी को उसे गिरफ्तार किया गया था।
पिछले तीन चार महीने में पश्चिम बंगाल में दो केंद्रीय एजेंसियों, ईडी और एनआईए को लेकर विवाद हुआ। पहले पांच जनवरी को उत्तर 24 परगना के संदेशखाली में ईडी की टीम पर हमला हुआ और उसके बाद पांच अप्रैल को भूपतिनगर में एनआईए की टीम पर हमला हुआ।
हमले के बाद दोनों मामले में स्थानीय लोगों की ओर से ईडी और एनआईए के अधिकारियों के खिलाफ मुकदमे दर्ज कराए गए। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी एनआईए की कार्रवाई की आलोचना की और कहा कि एनआईए के अधिकारियों पर हमला नहीं हुआ है, बल्कि उन्होंने ही महिलाओं पर हमला किया। उन्होंने यह भी पूछा कि एनआईए अधिकारियों ने रात में छापा क्यों मारा? ममता ने आरोप लगाया है कि एनआईए की मदद से भाजपा गंदी राजनीति कर रही है।