नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद पतंजलि समूह के बाबा रामदेव और बालकृष्ण ने बुधवार यानी 24 अप्रैल को अखबारों में एक और माफीनामा छपवाया। इसमें अदालत से बिना शर्त माफी मांगी गई है। इससे पहले पंतजलि ने 67 अखबारों में विज्ञापन छपवाया था। लेकिन उसका आकार बहुत छोटा था। इस पर नाराजगी जताते हुए अदालत ने पूछा था कि जो भ्रामक विज्ञापन थे क्या वे भी इसी साइज में छपे थे। अदालत ने कहा था कि माफीनामा ऐसा नहीं होना चाहिए कि उसे माइक्रोस्कोप में पढ़ना पड़े।
अदालत की फटकार के बाद बुधवार को फिर से विज्ञापन छपे। पतंजलि समूह ने बुधवार को छपवाए माफीनामे में लिखा- हमसे विज्ञापनों को प्रकाशित करने में हुई गलती के लिए ईमानदारी से बिना शर्त माफी मांगते हैं। ऐसी गलती दोबारा नहीं होगी। हम सावधानी के साथ सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पालन करने का वचन देते हैं। इससे पहले 22 अप्रैल को पतंजलि ने 67 अखबारों में माफीनामा छपवाया था और भविष्य में ऐसी गलती नहीं दोहराने की बात कही थी।
पतंजलि समूह ने 23 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की बेंच को इसकी जानकारी दी थी। जस्टिस हिमा कोहली ने पतंजलि से पूछा था- आपके विज्ञापन जैसे रहते थे, इस माफीनामे का भी साइज वही था? जस्टिस कोहली ने कहा था- जब आप कोई विज्ञापन प्रकाशित करते हैं तो इसका मतलब यह नहीं कि हम उसे माइक्रोस्कोप से देखेंगे। सिर्फ पन्ने पर न हो, पढ़ा भी जाना चाहिए। इस मामले में 30 अप्रैल को सुनवाई होगी और उस दिन भी अदालत ने रामदेव और बालकृष्ण को हाजिर रहने को कहा है।