नई दिल्ली। संसद का इस बार का शीतकालीन सत्र रिकॉर्ड संख्या में सांसदों के निलंबन के लिए याद रखा जाएगा। तीन हफ्ते से भी कम के छोटे से सत्र में 146 सांसद निलंबित हुए हैं और इसके साथ ही शीतकालीन सत्र निर्धारित समय से एक दिन पहले समाप्त हो गया। सत्र का समापन शुक्रवार यानी 22 दिसंबर को होना था लेकिन गुरुवार को ही सत्र समाप्त हो गया। लोकसभा में आखिरी दिन यानी गुरुवार को भी तीन सांसद निलंबित किए गए, जिससे निलंबित सांसदों की कुल संख्या 146 हो गई। इसके लोकसभा अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई। बाद में देर शाम आपराधिक कानूनों का बिल पास होने के बाद राज्यसभा भी अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हो गई।
इससे पहले संसद के शीतकालीन सत्र के 14वें दिन यानी गुरुवार को लोकसभा में विपक्ष के तीन और सांसदों को निलंबित किया गया। हंगामा करने के कारण इन सांसदों पर स्पीकर ओम बिरला ने कार्यवाही की। आखिरी दिन निलंबित होने वाले तीनों सांसद कांग्रेस के हैं। कर्नाटक केइकलौते कांग्रेस सांसद डीके सुरेश, मध्य प्रदेश के इकलौते कांग्रेस सांसदनकुल नाथ और छत्तीसगढ़ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज को गुरुवार को निलंबित किया गया।
इन्हें मिलाकर संसद से कुल 146 सांसद निलंबित किए गए। इनमें एक सौ लोकसभा के और 46 राज्यसभा के हैं। सबसे ज्यादा कांग्रेस के 60 सांसद निलंबित हुए हैं। सांसदों के निलंबन का सिलसिला 14 दिसंबर को शुरू हुआ था, जब विपक्षी सांसदों ने संसद की सुरक्षा में चूक के मामले में गृह मंत्री अमित शाह से बयान देने की मांग उठाई।पहले दिन 14 सांसदों को निलंबित किया गया। इसके बाद सोमवार यानी 18 दिसंबर को रिकॉर्ड संख्या में 78 सांसदों को निलंबित किया गया। इसके बाद 20 दिसंबर को दो और 21 दिसंबर को तीन लोकसभा सांसद निलंबित किए गए।
तीन सांसदों के निलंबन के बाद लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी। संसद के शीतकालीन सत्र के आखिरी दिन चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति का अहम बिल पास हुआ। स्पीकर ने बताया कि शीतकालीन सत्र में लोकसभा की उत्पादकता करीब 74 फीसदी रही। इस सत्र में भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, भारतीय साक्ष्य बिल, दूरसंचार विधायक सहित 18 अहम बिल पारित किए गए।