नई दिल्ली। संसद का मानसून सत्र सोमवार, 22 जुलाई से शुरू हो रहा है। सत्र के दूसरे दिन मंगलवार को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट पेश करेंगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तीसरी सरकार का यह पहला बजट होगा। इस बार मानसून सत्र 12 अगस्त तक चलेगा। इस दौरान सरकार कुछ विधायी कामकाज भी निपटाएगी। बताया जा रहा है कि कम से कम छह विधेयक पास कराए जा सकते हैं। दूसरी ओर विपक्ष लोकसभा में उपाध्यक्ष की नियुक्ति, नीट यूजी के पेपर लीक, कांवड़ यात्रा में दुकानदारों के नाम लिखने के आदेश जैसे कई मुद्दों पर सरकार को घेरने की तैयारी में है।
मानसून सत्र से पहले रविवार को सरकार ने सर्वदलीय बैठक बुलाई, जिसमें 44 पार्टियों के नेताओं ने हिस्सा लिया। सरकार की ओर से संसदीय कार्य मंत्रियों के अलावा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह बैठक में शामिल हुए। संसद भवन में हुई इस बैठक की अध्यक्षता राजनाथ सिंह ने की। कुछ और केंद्रीय मंत्री भी इसमें शामिल हुए। विपक्ष की तरफ से कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, आम आदमी पार्टी, वाईएसआर कांग्रेस, एमआईएम सहित भाजपा की सहयोगी पार्टियों के नेता शामिल हुए। ममता बनर्जी की पार्टी के नेता बैठक में नहीं शामिल हुए क्योंकि वे रविवार को ही कोलकाता में आयोजित सालाना शहीद दिवस रैली में शामिल हुए।
सर्वदलीय बैठक में कांग्रेस ने लोकसभा के उपाध्यक्ष का पद विपक्ष को देने की मांग की और साथ ही कहा कि नीट यूजी के मामले में लोकसभा में चर्चा होनी चाहिए। समाजवादी पार्टी के नेता रामगोपाल यादव ने यूपी कांवड़ यात्रा के रास्ते की दुकानों पर दुकानदार का नाम लिखने का मुद्दा उठाया। गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश सरकार के इस आदेश की चौतरफा आलोचन हो रही है। उत्तराखंड सरकार ने भी हरिद्वार में यह नियम लागू कर दिया है।
बहरहाल, कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने बैठक के बाद बताया कि बैठक में जेडीयू ने बिहार के लिए विशेष राज्य का दर्जा मांगा, वाईएसआर कांग्रेस पार्टी ने भी आंध्र प्रदेश को विशेष दर्जा देने की मांग की। तृणमूल कांग्रेस के नेता डेरेक ओ’ब्रायन ने संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजीजू को चिट्ठी लिख कर पहले ही बता दिया था कि उनकी पार्टी का कोलकाता में कार्यक्रम है, इसलिए बैठक में शामिल नहीं हो पाएंगे।
सर्वदलीय बैठक के बाद संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजीजू ने कहा- हमने बहुत उपयोगी चर्चा की। मैं सभी पार्टियों के फ्लोर लीडर्स को धन्यवाद देना चाहता हूं, जिन्होंने अच्छे सुझाव दिए। हमने संसद के सभी सदनों के नेताओं से सुचारु रूप से सुझाव लिए हैं, यह सरकार और विपक्ष दोनों की जिम्मेदारी है। उन्होंने आगे कहा- हम लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। सरकार निर्धारित नियमों का पालन करते हुए संसद में किसी भी मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है।