नई दिल्ली। संसद के मानसून सत्र में गुरुवार को लगातार छठे दिन दोनों सदनों में कामकाज बाधित हुआ। मणिपुर पर विपक्षी पार्टियों के हंगामे की वजह से कार्यवाही सुचारू रूप से नहीं चल सकी। हालांकि विपक्ष के हंगामे के बीच ही सरकार ने लोकसभा में दो और राज्यसभा में एक बिल पास कराया। विपक्षी पार्टियां गुरुवार को काले कपड़े में संसद पहुंची थीं और मणिपुर के मसले पर संसद के अंदर व बाहर भी विरोध जताया। राज्यसभा गुरुवार को सिनेमैटोग्राफ संशोधन बिल पास हुआ, जिसमें पायरेसी के लिए तीन साल की जेल और निर्माण की लागत के पांच फीसदी जुर्माने का प्रस्ताव है।
बहरहाल, गुरुवार को कार्यवाही शुरू होते ही लोकसभा में विपक्षी सांसदों ने प्रधानमंत्री के बयान और चर्चा की मांग करते हुए हंगामा शुरू कर दिया। इस पर स्पीकर ओम बिरला ने सदन दोपहर दो बजे तक स्थगित कर दिया। दो बजे दोबारा कार्यवाही शुरू हुई, लेकिन नारेबाजी लगातार जारी रही। एस जयशंकर और अधीर रंजन चौधरी के बयान के दौरान जमकर हंगामा हुआ और फिर सदन तीन बजे तक स्थगित किया गया। हंगामे के बीच दो विधेयक पास हुए और कार्यवाही शुक्रवार तक के लिए स्थगित कर दी गई।
उधर राज्यसभा में शुरुआत में थोड़ी देर कार्यवाही चली। विदेश मंत्री एस जयशंकर के भाषण के दौरान विपक्ष ने नारेबाजी की, जिसका जवाब देते हुए भाजपा सांसदों ने मोदी-मोदी के नारे लगाए। इसके जवाब में विपक्ष ने ‘इंडिया’-‘इंडिया’ के नारे लगाए। हंगामे की वजह से सभापति जगदीप धनखड़ ने सदन को पहले 12 बजे तक, फिर दो बजे तक स्थगित किया। तीसरी बार जब कार्यवाही शुरू हुई तो विपक्ष सदन से वॉकआउट कर गया। इसके बाद एक विधेयक ध्वनि मत से पास किया गया। पारित हो गया।
इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राजस्थान दौरे को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी संसद में नहीं, बल्कि राजस्थान में राजनीतिक भाषण दे रहे हैं। खड़गे ने कहा- लोग अब जागरूक हो गए हैं और इस तरह की राजनीति के खिलाफ लड़ेंगे। आप लोकतंत्र के मंदिर संसद में बात नहीं करना चाहते हैं, लेकिन राजस्थान में नए मेडिकल कॉलेज खोलने पर राजनीतिक भाषण दे रहे हैं।