नई दिल्ली। भारत के संसदीय इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है कि एक दिन में 78 सांसदों को निलंबित कर दिया गया है। शीतकालीन सत्र के 11वें दिन सोमवार को संसद के दोनों सदनों के 78 सांसदों निलंबित कर दिया गया। दोनों सदनों के 14 सांसद पहले से निलंबित हैं। इस तरह 92 सांसदों को शीतकालीन सत्र की बची हुई अवधि के लिए निलंबित कर दिया गया है। संसद की सुरक्षा में हुई चूक के मसले पर दोनों सदनों में सदस्य हंगामा कर रहे थे और केंद्री गृह मंत्री अमित शाह से बयान देने की मांग कर रहे थे। इस वजह से सांसदों को निलंबित किया गया है।
गौरतलब है कि 13 दिसंबर को संसद पर हमले की बरसी के दिन चार लोग संसद में घुस गए थे, जिनमें में से दो लोग तो दर्शक दीर्घा से लोकसभा के अंदर कूद गए थे। संसद की सुरक्षा में हुई इस चूक को लेकर विपक्ष के हंगामे की वजह से पिछले हफ्ते दो दिन कार्यवाही ठप्प रही थी। शीतकालीन सत्र के आखिरी हफ्ते के पहले दिन सोमवार को लोकसभा में लगातार चौथे दिन हंगामा हुआ। सदस्यों ने तख्तियां लेकर नारे लगाए। हंगामे से नाराज स्पीकर ओम बिरला ने 33 सांसदों को निलंबित कर दिया। इनमें लोकसभा में सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी भी शामिल हैं। निलंबित सदस्यों में कांग्रेस के 11, तृणमूल कांग्रेस के नौ, डीएमके के नौ और 4 अन्य दलों के सांसद शामिल हैं।
सुरक्षा में चूक को लेकर राज्यसभा में भी सोमवार को लगातार चौथे दिन हंगामा हुआ। इसके चलते सभापति जगदीप धनखड़ ने 45 विपक्षी सांसदों को पूरे सत्र के लिए यानी 22 दिसंबर तक के लिए निलंबित कर दिया। इनमें से 11 सांसदों का मामला विशेषाधिकार समिति को भेजा गया है। सत्र खत्म होने के बाद कमेटी इस मसले पर सुनवाई करेगी। इससे पहले 14 दिसंबर को लोकसभा से 13 सांसद निलंबित किए गए थे। इनमें कांग्रेस के नौ, सीपीएम के दो और डीएमके व सीपीआई के एक-एक सांसद थे। इनके अलावा राज्यसभा सांसद डेरेक ओ ब्रायन को भी 14 दिसंबर को निलंबित किया गया था।
शीतकालीन सत्र से अब तक कुल मिलाकर 92 सांसदों को निलंबित किया जा चुका है। इनमें दोनों सदनों के 46-46 सांसद शामिल हैं। सांसदों को निलंबित करने से पहले लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने कार्यवाही शुरू होते ही 15 मिनट की एक स्पीच दी थी। उन्होंने कहा कि सुरक्षा चूक के मामले की जांच हो रही है और इस घटना पर राजनीति होना दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि सदन में तख्तियां लाना और नारेबाजी करना ठीक नहीं है। हालांकि उनके मना करने के बावजूद विपक्षी सांसदों का हंगामा जारी रहा तो 33 सदस्यों को निलंबित करते हुए उन्होंने कार्यवाही मंगलवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।