नई दिल्ली। संसद के शीतकालीन सत्र के आखिरी दिन गुरुवार को कार्यवाही शुरू होने से पहले विपक्ष के सांसदों ने पुरानी संसद से विजय चौक तक पैदल मार्च निकाला। इस दौरान कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने विपक्ष की मांग दोहराते हुए कहा कि सरकार संसद की सुरक्षा मेंहुई चूक पर जवाब दे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह संसद में आकर इस मामले पर बयान दें।गुरुवार को लोकसभा और राज्यसभा के अंदर हंगामा हुआ। निलंबित होने से बच गए विपक्षी सांसदों ने बयान देने की मांग करते हुए हंगामा किया।
अब विपक्षी पार्टियां शुक्रवार को प्रदर्शन करेंगी। विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’के सांसदों को निलंबित किए जाने के खिलाफ कांग्रेस ने 22 दिसंबर को सुबह 11 बजे जंतरमंतर पर प्रदर्शन करने का फैसला किया है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी इस प्रदर्शन में शामिल होंगे। इससे पहले गुरुवार को खड़गे ने कहा कि प्रधानमंत्री वाराणसी, अहमदाबाद जा रहे हैं, वे हर जगह बोल रहे हैं, संसद में सुरक्षा चूक पर नहीं बोल रहे। गृह मंत्री अमित शाह ने भी संसद की सुरक्षा चूक पर कुछ नहीं कहा। हम इसकी निंदा करते हैं।
खड़गे ने सरकार पर हमला करते हुए कहा- सरकार सदन नहीं चलने देना चाह रही है। विपक्ष की आवाज दबा रही है। संसद में बोलना हमारा अधिकार है। राज्यसभा सभापति के लिए उन्होंने कहा कि वे मामले को जातिगत रंग दे रहे हैं।गुरुवार को मार्च में शामिल एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा कि सदन में जो हुआ, वो इतिहास में कभी नहीं हुआ। जो लोग सदन में घुसे, वो किसकी मदद से आए। सुरक्षा में चूक पर चर्चा क्यों नहीं हो रही? चर्चा कराने की बजाय सांसदों को सस्पेंड कर दिया गया। सभापति की नकल उतारने पर पवार ने कहा कि ये सदन के अंदर का नहीं, बाहर का मामला है।