टोक्यो | विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने सोमवार को क्वाड (भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया) के विदेश मंत्रियों की बैठक में कहा कि केवल क्वाड देशों के बीच सहयोग ही यह सुनिश्चित कर सकता हैं। और कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र खुला और समृद्ध बना रहे।
क्वाड देशों के सहयोग से हिंद-प्रशांत क्षेत्र रहेगा स्वतंत्र और सुरक्षित
जयशंकर ने जापान की राजधानी टोक्यो में आयोजित क्वाड के विदेश मंत्रियों की बैठक में अपने उद्घाटन भाषण में कहा कि विश्व की भलाई के लिए क्वाड की प्रतिबद्धता हिंद-प्रशांत क्षेत्र से कहीं आगे तक है। उन्होंने कहा कि चारों देशों (भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया) की बैठक 10 महीने पहले हुई थी। और लेकिन इस बीच की अवधि में इन देशों के मंत्री द्विपक्षीय रूप से या अन्य किसी भी कार्यक्रमों से एक-दूसरे से मिलते रहे हैं। और उनके शेरपा भी लगातार बातचीत करते रहे हैं।
उन्होंने कहा, ये आसान समय नहीं है। वैश्विक आर्थिक वृद्धि सुनिश्चित करना और साथ ही जोखिम को कम करना एक बड़ी चुनौती है। आपूर्ति श्रृंखला के लचीलेपन पर विशेष ध्यान केंद्रित है। यह ठीक उसी तरह से हैं, जैसे हम विश्वसनीय और पारदर्शी डिजिटल साझेदारी के लिए जोर देते हैं। प्रौद्योगिकी के विकास ने भी असाधारण अनुपात हासिल कर लिया है, जिस तरह से हम रहते हैं, सोचते हैं और कार्य करते हैं, उसमें बहुत संभावनाएं हैं।
वैश्विक आर्थिक वृद्धि और आपूर्ति श्रृंखला के लचीलेपन पर विशेष जोर
उन्होंने कहा, एक तरह से हम पुनः वैश्वीकरण के बीच में हैं। केवल हमारे सामूहिक प्रयास ही प्रणाली को मानव निर्मित व्यवधानों से बचा सकते हैं। उन्होंने कहा की हमारा सहयोग ही यह सुनिश्चित कर सकता हैं। और कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र स्वतंत्र, खुला, स्थिर, सुरक्षित और समृद्ध बना रहे। साथ ही हम लोगों ने वैश्विक भलाई करने की जिस प्रतिबद्धता को अपनाया है , उसका इस क्षेत्र से कहीं आगे तक प्रभाव है। यह आवश्यक है कि चारों देशों के बीच राजनीतिक समझ मजबूत हो, आर्थिक सहयोग बढ़े तथा लोगों के बीच सहजता बढ़े।
जयशंकर ने कहा, हमारी बैठक से यह स्पष्ट संदेश जाना चाहिए कि क्वाड यहां रहने, काम करने और आगे बढ़ने के लिए है। बैठक में अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन, जापान के विदेश मंत्री योको कामिकावा और ऑस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री पेनी वोंग मौजूद थे।
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