नई दिल्ली। अगर राष्ट्रीय शैक्षणिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद यानी एनसीईआरटी की बनाई कमेटी की सिफारिशें मंजूर की जाती हैं तो फिर एनसीईआरटी की किताबों में देश का नाम हर जगह भारत लिखा हुआ मिलेगा। इंडिया की जगह हर जगह भारत लिखा जाएगा। असल में एनसीईआरटी ने अपने सिलेबस में नई शिक्षा नीति के तहत बदलाव कर रहा है। इसके लिए 19 सदस्यों की एक कमेटी बनाई गई थी। इस कमेटी ने देश का नाम इंडिया के बजाय भारत लिखने का सुझाव दिया है।
इसके साथ ही कमेटी ने सिलेबस से प्राचीन इतिहास को हटाकर क्लासिकल इतिहास हिंदू योद्धाओं की जीत की कहानियों को इतिहास की किताब में शामिल करने की सिफारिश की है। हालांकि, एनसीईआरटी के अध्यक्ष दिनेश सकलानी ने कहा कि समिति की सिफारिशों पर अभी कोई फैसला नहीं किया गया है।
एनसीईआरटी के सिलेबस में क्लासिकल इतिहास शामिल करने के बारे में कहा गया है कि अंग्रेजों ने भारतीय इतिहास को प्राचीन, मध्यकालीन और आधुनिक में बांट दिया। प्राचीन इतिहास बताता है कि देश अंधेरे में था, उसमें वैज्ञानिक जागरूकता नहीं थी। इसमें सुझाव दिया गया है कि बच्चों को मध्यकाल और आधुनिक इतिहास के साथ-साथ क्लासिकल इतिहास भी पढ़ाया जाना चाहिए। कमेटी ने सिलेबस में विभिन्न संघर्षों में हिंदू योद्धआओं की विजय गाथा पढ़ाने पर जोर देने के लिए कहा है। कमेटी ने कहा है- सिलेबस में हमारी विफलताओं का जिक्र किया गया है, लेकिन मुगलों और सुल्तानों पर हमारी विजयों का नहीं।