नई दिल्ली। पूरे देश में एक साथ चुनाव पर विचार करने के लिए बनी पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली कमेटी ने विचार कर लिया है और अपनी रिपोर्ट राष्ट्रपति को सौंप दी है। जैसा कि पहले से अंदाजा लगाया जा रहा था कि कोविंद कमेटी ने लोकसभा और राज्यों के विधानसभा चुनाव एक साथ कराने की सिफारिश की है। One nation one election
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साथ ही कॉमन मतदाता सूची बनाने की भी सिफारिश की है। 18 हजार से ज्यादा पन्नों की इस रिपोर्ट में 2029 से सारे चुनाव एक साथ कराने की अनुशंसा की गई है। गौरतलब है कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार काफी समय से ‘एक देश, एक चुनाव’ के विचार का समर्थन करती रही है। One nation one election
पिछले साल सितंबर में केंद्र सरकार ने पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया था। इस कमेटी ने गुरुवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को अपनी रिपोर्ट सौंपी। यह 18,626 पन्नों की है।
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इस रिपोर्ट में कमेटी ने कहा है कि उसने सभी संबंधित पक्षों और विशेषज्ञों से इस बारे में विचार विमर्श किया और उनकी राय के आधार पर रिपोर्ट तैयार की है। रिपोर्ट में कहा गया है- कमेटी ने 62 पार्टियों से संपर्क साधा था। इनमें से 47 ने जवाब दिया। देश की 32 पंजीकृत पार्टियों ने एक साथ चुनाव कराने का समर्थन किया, 15 पार्टियों ने इसका विरोध किया और 15 पार्टियों ने इसका जवाब नहीं दिया। One nation one election
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राजनीतिक दलों के अलावा विशेषज्ञों और आम लोगों ने भी इस बारे में अपनी राय दी है। अलग अलग उच्च अदालतों के नौ पूर्व मुख्य न्यायाधीशों ने ‘एक देश, एक चुनाव’ के प्रस्ताव का समर्थन किया है, जबकि तीन उच्च अदालतों के पूर्व मुख्य न्यायाधीशों ने इस प्रस्ताव का विरोध किया। कमेटी ने इस प्रस्ताव पर आम लोगों से राय मांगी थी, जिनमें से 80 फीसदी से ज्यादा ने प्रस्ताव का समर्थन किया है।
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बहरहाल, कोविंद कमेटी ने ‘एक देश, एक चुनाव’ की अपनी सिफारिशों को दो चरणों में लागू करने की अनुशंसा की है। उसने अपनी सिफारिश में कहा है कि सभी विधानसभाओं का कार्यकाल अगले लोकसभा चुनाव यानी 2029 तक बढ़ाया जाए।
इसमें कहा गया है कि पहले चरण में लोकसभा और विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराए जा सकते हैं, उसके बाद दूसरे चरण में एक सौ दिनों के भीतर स्थानीय निकायों के चुनाव कराए जा सकते हैं।
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कोविंद कमेटी ने कहा है कि चुनाव आयोग लोकसभा, विधानसभा, स्थानीय निकाय चुनावों के लिए राज्य चुनाव अधिकारियों की सलाह से कॉमन मतदाता सूची और मतदान पहचान पत्र तैयार करेगा। इसके अलावा कोविंद कमेटी ने एक साथ चुनाव कराने के लिए ईवीएम सहित सभी जरूरी उपकरणों, मतदानकर्मियों और सुरक्षा बलों की पहले से योजना बनाने की सिफारिश भी की है।
गौरतलब है कि कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, सीपीआई, सीपीएम, तृणमूल कांग्रेस, सपा, बसपा जैसी तमाम बड़ी पार्टियों ने एक साथ चुनाव कराने के विचार का विरोध किया है।