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एक देश, एक चुनाव के आइडिया का विरोध

नई दिल्ली। कांग्रेस और डीएमके सहित देश की कई विपक्षी पार्टियों ने एक देश, एक चुनाव के आइडिया का विरोध किया है। कांग्रेस ने इसे भारतीय संघ और राज्यों पर हमला बताया है तो डीएमके ने कहा कि यह भाजपा की साजिश है। गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने एक देश, एक चुनाव की संभावना पर विचार के लिए पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में आठ सदस्यों की एक कमेटी बनाई है। हालांकि कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने इस कमेटी से अपना नाम वापस ले लिया है।

कमेटी की अधिसूचना जारी होने के एक दिन बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सोशल मीडिया में लिखा- इंडिया यानी भारत, यह राज्यों का संघ है। वन नेशन-वन इलेक्शन का आइडिया संघ और राज्यों पर हमला है। दूसरी ओर तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने एक देश-एक चुनाव को भाजपा की साजिश बताया। उन्होंने भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा- ये कहते हैं कि इससे चुनावी खर्च में कमी आएगी, लेकिन इससे पहले वे अपना भ्रष्टाचार रोकें।

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी इस विचार का विरोध किया और सोशल मीडिया में लिखा- मोदी सरकार चाहती है कि लोकतांत्रिक भारत धीरे-धीरे तानाशाही में तब्दील हो जाए। वन नेशन, वन इलेक्शन पर कमेटी बनाने की यह नौटंकी भारत के संघीय ढांचे को खत्म करने का हथकंडा है। उन्होंने आगे लिखा- 2024 में लोगों के पास वन नेशन, वन सॉल्यूशन’ है- भाजपा के कुशासन से छुटकारा पाना।

हरियाणा में रैली करने गए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी इसका विरोध किया और सवालिया लहजे में कहा- देश के लिए क्या जरूरी है? वन नेशन, वन इलेक्शन या वन नेशन, वन एजुकेशन, वन नेशन, वन इलाज, आम आदमी को वन नेशन वन इलेक्शन से क्या मिलेगा?

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