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लोस अध्यक्ष चुनाव में बिरला और सुरेश आमने-सामने

ByNI Desk,
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नई दिल्ली। लोकसभा अध्यक्ष पद के लिए सरकार और विपक्ष के बीच मंगलवार को आम-सहमति नहीं बन सकी और अब राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के उम्मीदवार तथा भाजपा सांसद ओम बिरला का मुकाबला कांग्रेस के कोडिकुन्नील सुरेश के साथ होगा। बिरला और सुरेश ने मंगलवार को क्रमश: राजग और विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (‘इंडिया’) के उम्मीदवारों के रूप में अपने नामांकन पत्र दाखिल किए।

लोकसभा अध्यक्ष के चुनाव में उतरने के लिए विपक्ष ने अंतिम समय में तब फैसला लिया जब भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेताओं ने उनकी इस पूर्व शर्त को नहीं माना कि राजग के उम्मीदवार बिरला का समर्थन करने के ऐवज में विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ को उपाध्यक्ष पद दिया जाना चाहिए।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के संसद भवन स्थित कार्यालय में विपक्ष की ओर से कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल और द्रमुक के टी आर बालू ने सिंह, गृह मंत्री अमित शाह तथा स्वास्थ्य मंत्री और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से इस मुद्दे पर आम-सहमति बनाने के उद्देश्य से बातचीत की लेकिन दोनों पक्ष अपने रुख पर अड़े रहे और कोई नतीजा नहीं निकला।

पिछली लोकसभा में भी अध्यक्ष रह चुके बिरला को राजग की तरफ से सर्वसम्मति से उम्मीदवार बनाया गया है। बिरला ने नामांकन दाखिल करने से पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की। वेणुगोपाल और बालू लोकसभा अध्यक्ष के पद के लिए राजग उम्मीदवार का समर्थन करने से इनकार करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के कार्यालय से बाहर आ गए। वेणुगोपाल ने आरोप लगाया कि सरकार ने उपाध्यक्ष पद विपक्ष को देने की प्रतिबद्धता नहीं जताई। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि लोकसभा अध्यक्ष के लिए उम्मीदवार के नाम पर सर्व सम्मति होती तो बेहतर होता।

जनता दल (यूनाइटेड) के नेता और केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ​​ललन सिंह ने संवाददाताओं से कहा कि बिरला का नाम राजग के सभी दलों ने सर्वसम्मति से तय किया और भाजपा के वरिष्ठ नेता राजनाथ सिंह भी समर्थन हासिल करने के लिए विपक्ष के पास पहुंचे। विपक्ष पर निशाना साधते हुए ललन सिंह ने कहा कि वे लोकसभा उपाध्यक्ष के पद पर तुरंत फैसला चाहते हैं, जबकि राजनाथ सिंह ने अनुरोध किया था कि चयन का समय आने पर सभी को एक साथ बैठना चाहिए और इस मुद्दे पर चर्चा करनी चाहिए। बिरला ने नामांकन दाखिल करने से पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की। सदन में भाजपा समेत राजग के 293 सांसद हैं और विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) के 233 सदस्य हैं। दो लोकसभा सीट से निर्वाचित हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी के केरल की वायनाड सीट से इस्तीफा दिए जाने के बाद सदन में कुल सदस्यों की संख्या 542 रह गई है।

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