नई दिल्ली/तिरूवनंतपुरम। केरल में निपाह वायरस का एक और संक्रमित मरीज मिला है, जिससे कुल मरीजों की संख्या छह हो गई है। इनमें से दो मरीजों की मौत हो चुकी है, जबकि चार एक्टिव मरीज हैं। इनके संपर्क में आने वाले दो सौ से ज्यादा लोगों को हाई रिस्क वाला माना जा रहा है। इसलिए उन पर नजर रखी जा रही है। इस बीच इंडियन कौंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च यानी आईसीएमआर ने बताया है कि निपाह वायरस से मरने की दर 40 से 70 फीसदी तक है। इस लिहाज से यह कोरोना के मुकाबले बहुत घातक है।
आईसीएमआर ने कहा है कि निपाह वायरस से मृत्यु दर कोरोना वायरस से होने वाली मृत्यु दर की तुलना में काफी ज्यादा है। कोरोना से मृत्यु दर दो से तीन फीसदी है, जबकि निपाह वायरस के संक्रमण में मृत्यु दर 40 से 70 फीसदी तक है। आईसीएमआर के डीजी राजीव बहल ने कहा है- हमारे पास सिर्फ 10 मरीजों के लिए मोनोक्लोनल एंटीबॉडी डोज मौजूद हैं। गंभीर संक्रमण की स्थिति में इससे इलाज किया जाता है। बहल ने बताया कि आईसीएमआर ने मोनोक्लोनल एंटीबॉडी की 20 खुराक और मंगाई हैं, ताकि संक्रमण की शुरुआत में ही मरीजों को दिया जा सके।
इस बीच केरल के कोझिकोड में 39 साल का एक और व्यक्ति निपाह वायरस से संक्रमित पाया गया है। राज्य के स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक एक्टिव केस बढ़ कर चार हो गए हैं। केरल में अब तक निपाह के कुल छह केस आ चुके हैं, जिसमें दो लोगों की मौत हो चुकी है। केरल के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि मरने वाले व्यक्ति को अभी कोझिकोड के अस्पताल में निगरानी में रखा गया है। राज्य सरकार ने संक्रमण फैलने से रोकने के लिए पुख्ता तैयारियां की हैं। कोझिकोड में संक्रमण वाले ग्राम पंचायतों को क्वारंटाइन जोन घोषित कर दिया गया है। मरने वाले व्यक्तियों के संपर्क में आए हाई रिस्क वाले 15 लोगों के सैम्पल ले लिए गए हैं। स्वास्थ्य अधिकारी के अनुसार संक्रमित लोगों के संपर्क में आने वालों की सूची में साढ़े नौ सौ लोग शामिल हैं। इनमें से 213 लोग हाई रिस्क कैटेगरी के हैं।