प्रयागराज। वायु सेना दिवस के मौके पर रविवार को उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में सबसे बड़े एयर शो का आयोजन हुआ, जिसमें भारतीय वायु सेना के जांबाजों ने आसमान में अनेक तरह के करतब दिखाए। इससे पहले वायु सेना के 91वें स्थापना दिवस के मौके पर एयरफोर्स के नए झंडे का अनावरण किया गया। इसमें एयरफोर्स के एम्बलम यानी प्रतीक चिन्ह को शामिल किया गया है। गौरतलब है कि वायु सेना की स्थापना 1932 में हुई थी। उस समय रॉयल एयर फोर्स का झंडा था। देश की आजादी के बाद 1952 में पहली बार तिरंगे और एयरफोर्स के गोल साइन को शामिल किया गया था। तब से यही झंडा वायुसेना की पहचान रही है।
एयरफोर्स के 91वें स्थापना दिवस के अवसर पर पहली बार झंडा बदला गया। इससे पहले रविवार की सुबह सात बजे बमरौली में फुल ड्रेस परेड शुरू हुई जो दोपहर करीब 12 बजे तक चली। इसके बाद एयर शो शुरू हुआ, जिसमें पैराट्रूपर्स ने आठ हजार फीट से नीचे छलांग लगाई। वायु सेना के अपाचे, चिनूक जैसे हेलिकॉप्टर्स और सुखोई, मिग, सूर्य किरण जैसे विमानों ने हैरतअंगेज प्रदर्शन किया।
वायु सेना के स्थापना दिवस के मौके पर आमतौर पर दिल्ली में परेड और फ्लाई पास्ट होता रहा है। लेकिन, पिछले साल चंडीगढ़ और इस बार प्रयागराज में इसका आयोजन हुआ। यह दूसरा मौका है, जब दिल्ली के बाहर एयर शो हुआ। प्रयागराज में इस एयर शो के लिए कई दिनों से तैयारी चल रही थी। इसे देखने के लिए हजारों की संख्या में लोग जमा हुए थे। एयर शो से पहले वायु सेना के लड़ाकू विमानों ने रिहर्सल किया। उसके बाद सबसे बड़े एयर शो में भारतीय वायु सेना के विमान सारंग, चिनूक, सूर्य किरण, तेजस, ग्लोब मास्टर और सूर्य किरण ने आसमान में करतब दिखाए।
प्रयागराज के बमरौली में आयोजित वायु सेना स्थापना दिवस के मौके पर वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने कहा कि भारत अपने को 2047 में विकसित देश के रूप में देखना चाहता है। उन्होंने कहा- ऐसे में यह सबसे जरूरी हो जाता है कि भारतीय वायु सेना जब 2032 में अपनी एक सौवीं वर्षगांठ माना रहा हो तब तक दुनिया की वन ऑफ द बेस्ट वायु सेना के रूप में विकसित हो जाए।