नई दिल्ली। मेडिकल दाखिले के लिए हुई नीट यूजी की परीक्षा के पेपर लीक और दूसरी गड़बड़ियों के मामले की सुनवाई टल गई है। सुप्रीम कोर्ट में अब 18 जुलाई को इस मामले की सुनवाई होगी। नीट यूजी की परीक्षा को लेकर 38 याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई हैं। इन पर गुरुवार को सुनवाई होनी थी लेकिन केंद्र सरकार और नेशनल टेस्टिंग एजेंसी यानी एनटीए की ओर से अदालत में दायर हलफनामे की कॉपी कई याचिकाकर्ताओं को नहीं मिली है। इस वजह से सुनवाई टल गई। अदालत ने केंद्र सरकार और एनटीए के हलफनामे पर याचिकाकर्ताओं को जवाब देने के लिए समय दिया है।
चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की बेंच ने गुरुवार को कहा कि कोर्ट के आठ जुलाई के निर्देश के जवाब में केंद्र और एनटीए ने अपने हलफनामे दायर कर दिए हैं। लेकिन कुछ याचिकाकर्ताओं को अभी तक ये हलफनामे नहीं मिल पाए हैं। इसलिए मामले की अगली सुनवाई 18 जुलाई को की जाएगी। सरकार की ओर से पेश वकीलों ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि सभी याचिकाकर्ताओं को हलफनामे उपलब्ध करा दिए गए है। गौरतलब है कि पेपर लीक और दूसरी गड़बड़ियों की वजह से परीक्षा रद्द करने की मांग हो रही है तो दूसरी ओर छात्रों के एक समूह ने परीक्षा नहीं रद्द करने की भी याचिका दायर की है। केंद्र सरकार और एनटीए दोनों ने अदालत में परीक्षा नहीं रद्द करने की अपील की है।
सुनवाई टलने से छात्रों को बड़ी निराशा हुई है। ध्यान रहे मेडिकल में दाखिले के लिए छह जुलाई से काउंसिलिंग होनी थी लेकिन इसे चुपचाप टाल दिया गया और अगली तारीख नहीं बताई गई है। माना जा रहा था कि आठ जुलाई की सुनवाई के बाद काउंसिलिंग की तारीख आएगी। लेकिन आठ जुलाई को चीफ जस्टिस की बेंच के सामने सुनवाई हुई तो 11 जुलाई को अगली सुनवाई की तारीख दी गई। कोर्ट ने 10 जुलाई की शाम तक एनटीए, केंद्र सरकार, सीबीआई और दोबारा परीक्षा की मांग कर रहे याचिकाकर्ताओं को हलफनामा दायर करने का समय दिया था।
सीबीआई, एनटीए और केंद्र सरकार ने बुधवार, 10 जुलाई को अपने हलफनामे दाखिल कर दिए थे। लेकिन 11 जुलाई को अदालत को बताया गया कि उनके हलफनामे कुछ याचिकाकर्ताओं को नहीं मिले हैं। इसके बाद ही अदालत ने सुनवाई के लिए 18 जुलाई की तारीख तय की। बहरहाल, सीबीआई की जांच में सामने आया है कि गुजरात के गोधरा में एक सेंटर पर ओडिशा, बिहार, महाराष्ट्र, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के उम्मीदवारों ने परीक्षा दिया था। आरोपियों ने परीक्षा में उम्मीदवारों को गुजराती भाषा चुनने को कहा था। बताया जा रहा है कि जांच एजेंसी ने दो राज्यों में पेपर लीक होने और कुछ जगहों पर अन्य किस्म की धांधली होने का संकेत दिया है।